ओपन स्कूल : स्कूली शिक्षा की नई दिशा

Last Updated 29 Jan 2024 01:40:03 PM IST

केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एक अनूठा प्रयास है, जिसमें शिक्षा जगत के अनेक वर्षो के अनुभव को समाहित किया गया है।


ओपन स्कूल : स्कूली शिक्षा की नई दिशा

इसके निर्माण में विभिन्न स्तरों पर जन-भागीदारी हुई है और सर्वस्वीकार्यता सिद्ध हुई है। इसमें एक ओर भारतीय परंपरा और विरासत के मूलभूत तत्वों का समावेशन है तो दूसरी ओर 21वीं सदी की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने का संकल्प है। इसका उद्देश्य शिक्षा को नई दिशा, नई ऊंचाई देना और समग्रत: एक नये भारत का निर्माण करना है।

यदि इस नीति के विविध पहलुओं पर गौर करें तो अनेक नये आयाम उभरकर सामने आएंगे। यह नीति वास्तव में विकास के नये मानदंड निर्धारित करती है, और शिक्षा के मूलाधार को पुनर्स्थापित करती है। आज की वैश्विक परिस्तिथियों में तीव्र गति से आ रहे परिवर्तनों की वजह से जरूरी हो गया है कि बच्चों को जो कुछ सिखाया जा रहा है, उसे सीखते हुए वे निरंतर सीखते रहने की कला भी सीखें।

इसलिए शिक्षा में इस बात पर अधिक जोर देने की जरूरत है कि बच्चे समस्या-समाधान के साथ-साथ तार्किक एवं रचनात्मक रूप से सोचना सीखें, विविध विषयों के बीच अंतर्सबंधों को देख पाएं, कुछ नया सोच पाएं और नई जानकारी को नये और बदलती परिस्थितियों या क्षेत्रों में उपयोग में ला पाएं। इसलिए जरूरत है कि शिक्षण प्रक्रिया शिक्षार्थी-केंद्रित हो, जिज्ञासा, खोज, अनुभव और संवाद के आधार पर संचालित हो, लचीली और समग्रता व समन्वित रूप से देखने-समझने में सक्षम बनाने वाली और सुरुचिपूर्ण हो। यदि हम चाहते हैं कि शिक्षा शिक्षार्थियों के जीवन के सभी पक्षों और क्षमताओं का संतुलित विकास करे तो पाठ्यक्रम में विज्ञान और गणित के अलावा बुनियादी कला, शिल्प, मानविकी, खेल और फिटनेस, भाषाओं, साहित्य, संस्कृति और मूल्यों को अवश्य समावेशित किया जाए।

शिक्षा से चरित्र निर्माण होना चाहिए, शिक्षार्थियों में नैतिकता, तार्किकता, करु णा और संवेदनशीलता विकसित करनी चाहिए और रोजगार के लिए सक्षम बनाना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा संबंधी अनेक आयाम उद्घाटित किए गए हैं। वास्तव में, राष्ट्रीय शिक्षा नीति व्यापक आधारशिला देती है, जिसमें पूर्व प्राइमरी से लेकर उच्च अध्ययन और शिक्षक शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर गंभीर विचार-दृष्टि और रूपरेखा प्रस्तुत की गई है। शिक्षा को सहज तरीके से बड़े स्तर पर आईसीटी के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने के लिए विविध कदम उठाए गए हैं। सरकार की डिजिटल भारत पहल के अंतर्गत एनआईओएस को स्वयं के लिए राष्ट्रीय भागीदार के रूप में पहचान मिली है।

इसके माध्यम से माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक स्तर की पाठ्यक्रम सामग्री प्रसारित हो रही है। पीएम ई-विद्या चैनलों के माध्यम से माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक स्तरों पर और सांकेतिक भाषा, भारतीय ज्ञान परंपरा, मुक्त बेसिक शिक्षा कार्यक्रम तथा व्यावसायिक कार्यक्रमों के लिए वीडियो कार्यक्रमों के सजीव प्रसारण किए जाते हैं। सीखने को सुगम बनाने हेतु वेब रेडियो तथा सामुदायिक रेडियो कार्यक्रम (91.2 मेगाहर्ट्ज) शिक्षा के सभी स्तरों पर प्रसारित किए जाते हैं। भारत सरकार के दीक्षा पोर्टल और संस्थान की वेबसाइट पर सभी सामग्री भी उपलब्ध कराई जा रही है।

विद्यार्थियों के मूल्यांकन को सरल बनाने के लिए ‘जब चाहो तब परीक्षा’ की सुविधा अनूठा प्रयास है। शिक्षा प्रणाली को शिक्षार्थियों के अनुकूल बनाने की दिशा में यह महत्त्वपूर्ण नवाचार है। शिक्षार्थी को अपनी इच्छा से परीक्षा की तिथि चुनकर परीक्षा में बैठने की सुविधा है। इससे मानसिक तनाव की समस्या का समाधान संभव है, और तैयारी होने पर अपनी सहूलियत से परीक्षा देने का अवसर है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अनुपालन करते हुए संस्थान ने पाठ्यक्रम के भार को कम करने के लिए इसे विभाजित किया है।

दक्षता आधारित प्रश्नों को प्रमुखता देते हुए वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की अधिक संख्या को शामिल करके परीक्षा पद्धति में व्यापक परिवर्तन किया गया है। वयस्कों के लिए विशेष परीक्षा का आयोजन संस्थान द्वारा किया जा रहा है, जिसे ‘बेसिक साक्षरता मूल्यांकन’ कहा जाता है। केंद्र सरकार की इस योजना द्वारा अब तक 7 करोड़ से अधिक वयस्कों का प्रमाणीकरण किया जा चुका है।

यह संस्थान देश में मुक्त शिक्षा के व्यापक प्रसार के लिए कृतसंकल्प है, और इसके लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुक्त विद्यालयों से निरंतर संपर्क जारी है। समय-समय पर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, और भावी दिशा तय की जा रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में स्कूली शिक्षा को नये रूप में प्रस्तुत करने के लिए इसी प्रकार के विविध नवाचार किए जा रहे हैं। आशा है कि व्यापक स्तर पर भागीरथ प्रयास से स्कूली शिक्षा की नई दिशा तय होगी जो सशक्त, योग्य और मूल्यधर्मी नई पीढ़ी तैयार करेगी। 

प्रो. सरोज शर्मा


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment