महिला हॉकी : पेरिस में पदक की प्रबल संभावना
भारतीय महिला हॉकी टीम साबित करने में सफल रही है कि वह एशिया में सर्वश्रेष्ठ है। कुछ दिनों पहले हांगझू एशियाई खेलों में उसकी इस छविश्व को झटका लगा था।
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वह सेमीफाइनल में चीन से हार गई थी और बाद में जापान को हराकर कांस्य पदक ही हासिल कर सकी। इस तरह उसने अगले साल पेरिस ओलंपिक में भाग लेने का टिकट गंवा दिया था। लेकिन रांची में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी महिला हॉकी चैंपियनशिप में खिताब जीत कर भारतीय टीम अपनी श्रेष्ठता साबित करने में सफल हो गई है। यह श्रेष्ठता उसने खेले गए सभी मैच जीतकर हासिल की है पर अभी वह पूरा लक्ष्य हासिल नहीं कर सकी है, क्योंकि उसे अभी पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करना है। इस चैंपियनशिप में खिताब जीतने के दौरान भारतीय टीम ने जैसा प्रदर्शन किया है, उससे जनवरी में होने वाले ओलंपिक क्वालिफायर के लिए टीम ने उम्मीदें जरूर बंधा दी हैं।
भारत ने एशियाई महिला चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब दूसरी बार जीता है। इससे पहले वह 2016 में चैंपियन बना था। भारतीय टीम ने चैंपियनशिप की शुरुआत से ही जिस दबदबे वाला प्रदर्शन किया उसे जापान के खिलाफ फाइनल में भी जारी रखा और 4-0 से विजय पाने में सफल रहा। हालांकि यह स्कोर मैच में हुए संघर्ष की सही झलक पेश नहीं करता। पर ऐसा था नहीं। भारत ने दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में ही संगीता कुमारी के गोल से बढ़त जरूर बना ली थी पर जापान ने बराबरी पाने के लिए लगातार जोर बांधे रखा और कई बार लगा भी कि वह बराबरी पा सकता है। पर जापान की टीम बराबरी नहीं पा सकी। इसमें भारतीय डिफेंस के साथ ही भारतीय कप्तान और गोलकीपर सविता पूनिया की भूमिका अहम रही। उन्होंने पेनल्टी कॉर्नरों पर तो बचाव किया ही एक पेनल्टी स्ट्रोक को भी पूरी लंबाई तक बाएं पैर को ले जाकर इस पर गोल को रोक दिया। इस समय भारत की दो गोल की बढ़त थी। अगर उसका गोल भिद जाता तो जापान की टीम बराबरी पाने के लिए दबाव बना सकती थी।
भारत एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक नहीं जीत पाने से ओलंपिक का टिकट कटने से वंचित जरूर हुआ पर इसकी कुछ हद तक भरपाई ओलंपिक क्वालिफायर अगले साल 13-19 जनवरी तक आयोजित करने का हक पाने में सफल रहा है। असल में पहले इस क्वालिफायर का चीन में इसी साल आयोजन होना था। लेकिन चीन के पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर लेने से अब इसकी जिम्मेदारी हॉकी इंडिया को सौंपी गई है। भारत के लिए अच्छी बात यह है कि रांची के जिस जयपाल सिंह एस्ट्रो टर्फ हॉकी स्टेडियम में शानदार प्रदर्शन से चैंपियंस ट्रॉफी जीती है, वहीं ओलंपिक क्वालिफायर का भी आयोजन होगा। इसमें भाग लेने वाली आठ टीमों में पहले तीन स्थानों पर रहने वाली टीमें ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करेंगी। भारतीय टीम की इस चैंपियनशिप के दौरान सबसे बड़ी खूबी बेहतर तालमेल रही। भारतीय फॉर्वड लाइन में 300 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाली इकलौती खिलाड़ी वंदना कटारिया के साथ संगीता कुमारी, सलीमा टेटे, लालरेमीसेमा जिस तालमेल से हमले बनाती हैं, वह देखने वाला होता है। इन खिलाड़ियों ने अपने बीच सटीक पासिंग से भाग लेने वाली हर टीम की रक्षापंक्ति को छितराने में सफलता प्राप्त की।
भारतीय पुरुष हॉकी टीम की तरह महिला टीम में भी निस्वार्थ ढंग से खेलने की भावना पनपी है। कई मौकों पर देखने को मिला कि खिलाड़ियों ने प्रतिद्वंद्वी सर्किल में पहुंचने के बाद खुद शॉट लेने की बजाय गोल पर निशाना साधने के लिए बेहतर स्थिति में दिखे खिलाड़ी की गेंद बढ़ा दी। इसका ही परिणाम है कि भारत ने टूर्नामेंट की प्रतिभागी टीमों में सबसे ज्यादा 27 गोल जमाने में सफलता प्राप्त की। भारत के लिए इस चैंपियनशिप में सबसे ज्यादा छह गोल जमाने वाली संगीता कुमारी रहीं। वह गोल जमाने के मामले में चीन की झोंग जियाकी (7) के बाद दूसरे नम्बर पर रहीं। सही मायनों में सलीमा के साथ संगीता कुमारी के जुड़ जाने से भारतीय हमलों में पैनापन आ गया है। इसकी वजह दोनों में गजब की गति के साथ गेंद पर नियंत्रण अच्छा है, और दोनों ही मौकों का फायदा उठाना जानती हैं। इन दोनों में एक और समानता है कि वे रांची से करीब 120 किमी. दूर स्थित सिमडेगा जिले से ताल्लुक रखती हैं। संगीता ने यहां भारत के लिए सबसे ज्यादा गोल जमाए तो सलीमा ने पांच गोल जमाए और कई गोलों का आधार बनाकर दिया। इस कारण उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया।
भारतीय डिफेंस में भी खासी मजबूती आई है। भारतीय डिफेंस की जान दीप ग्रेस एक्का हैं, और उन्हें फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। दीप के साथ निशा और निक्की प्रधान बचाव में अहम भूमिका निभाती हैं। युवा खिलाड़ी इशिका चौधरी भी तेजी से इस जिम्मेदारी के लिए तैयार हो रही हैं। इस मजबूत डिफेंस के पीछे गोलकीपर सविता पूनिया की मौजूदगी टीम को अभेद्य बनाती है। भारत टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद पोडियम पर नहीं चढ़ सका था लेकिन इसी तरह खेलता रहा तो पेरिस में पदक जरूर हासिल कर लेगा।
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