मुद्दा : गोरखधंधे पर नकेल की जरूरत

Last Updated 20 May 2022 12:05:06 AM IST

सिर के बालों के कद्रदान, रेशमी जुल्फों पर मेहरबान, खुद को हीरो-हीरोइन या सुंदर दिखने की हसरत रखने वाले, बिना सोचे-समझे हेयर ट्रांसप्लांट की दुकानों पर ना जाएं।


मुद्दा : गोरखधंधे पर नकेल की जरूरत

क्योंकि उसकी कीमत को जान देकर भी चुकानी पड़ सकती है। गंजेपन से छुटकारा दिलाने का दम भरने वाली दुकानें या सैलून कितने खतरनाक हैं, इसका अंदाजा हेयर ट्रांसप्लांट कराने वाले रोहिणी के एक व्यक्ति हुई मौत से लग जाता है। मामला दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुंचता है, और जो तथ्य निकलकर आते हैं, वह बेहद चिंताजनक और चौंकाने वाले हैं। कोर्ट ने इस मामले में गंभीरता से संज्ञान लिया है और संबंधित विभागों को सचेत किया है।
बड़े शहरों खासकर दिल्ली में कुकुरमुत्तों की तरह उग आए हेयर ट्रांसप्लांट सैलून को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अख्तियार किया है और कहा है कि सिर पर बाल उगाने का धंधा अगर देश भर में इसी प्रकार बेरोकटोक चलता रहा तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से कहा कि इसके लिए उचित प्रोटोकॉल निर्धारित किया जाना चाहिए। कोर्ट का साफ कहना है कि यह काम किसी अनुभवी डॉक्टर को ही करना चाहिए, गैर पेशेवर या गैर प्रशिक्षित लोग अगर यह काम करते हैं तो लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को भी ऐसे मामलों में कड़ाई बरतने का निर्देश दिया।
आश्चर्य की बात है कि हेयर ट्रांसप्लांट या बाल प्रत्यारोपण के नाम पर चलने वाली दुकानें अयोग्य लोगों के हाथों में बिना किसी मेडिकल सुपर विजन में चल रही है।  बड़े-बड़े विज्ञापन दिए जा रहे हैं, उपभोक्ताओं को तरह-तरह के पल्रोभन दिए जा रहे हैं। बालों के शौकीन इनके जाल में फंस जाते हैं और बाल प्रत्यारोपण के नाम पर अपनी जान को खतरे में डाल देते हैं। संबंधित महकमे की सुस्ती का फायदा झोलाछाप डॉक्टर उठा रहे हैं और लोगों की जान से खेल रहे हैं। असल में ग्राहकों को यह पता नहीं कि बाल प्रत्यारोपण में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया से उनके शरीर में क्या-क्या प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं। अगर इसे मेडिकल साइंस के हिसाब से देखा जाए तो यह बेहद रिस्की होता है।

किसी सर्जन या विशेषज्ञ से ही इस तरह के कार्य करवाने चाहिए। यह बेहद संवेदनशील सर्जरी की श्रेणी में आता है। मगर लोग ऐसे मामलों को हल्के-फुल्के अंदाज में लेते हैं। नतीजतन मामला उल्टा पड़ जाता हैं। वैसे भी सिर से जुड़े मामलों में काफी सावधानियां बरती जानी चाहिए। दरअसल, इन दिनों दिल्ली हाईकोर्ट में 35 साल के एक व्यक्ति की मौत से जुड़े मामले की सुनवाई चल रही है, जिसे न्यायाधीश अनूप मेंदीरत्ता देख रहे हैं। मामला दिल्ली के रोहिणी इलाके के एक सैलून में हेयर ट्रांसप्लांट प्रक्रिया के दौरान लापरवाही के कारण एक व्यक्ति की मौत का है। पीड़ित ने इस काम के लिए सैलून को 30,000 रुपये की फीस चुकाई थी। ऑपरेशन के बाद उस शख्स के सिर के ऊपरी हिस्से में दर्द शुरू हुआ और फिर चेहरा व कंधा सूज गया। आखिरकार, इलाज के दौरान अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया। विशेषज्ञों के मुताबिक उस व्यक्ति की मौत का कारण स्टीवन जॉनसन सिंड्रोम बना, जिसमें सेप्टिक शॉक और बाद में उसका मल्टीपल ऑर्गन फैलियर हो गया। कोर्ट ने कहा कि टेक्नीशियनों की सहायता से सैलूनों में यह हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी की जा रही है जो कि बहुत खतरनाक है। इस तरह की सर्जरी करने वाला ना तो पूरी तरह योग्य है और ना ही प्रशिक्षित सर्जन हैं। कोर्ट ने इसे स्वास्थ्य अपराध की संज्ञा दी है। मौजूदा मामला न सिर्फ लापरवाही की ओर इशारा करता है बल्कि इसे पूरी तरह से स्वास्थ्य संबंधी अपराध बताया जा रहा है। चिंताजनक यह है कि बेकसूर मरीजों या ग्राहकों को इसका नुकसान पहुंच रहा है। कोर्ट ने इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर मेडिकल प्रोटोकॉल यानी सख्त कानून बनाने पर बल दिया है और कहा है कि यह प्रक्रिया एक सक्षम पेशेवर हाथों में ही होनी चाहिए। ऐसी कदाचार की घटना दोबारा ना हो इसलिए इस धंधे पर नकेल कसना जरूरी है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से ऐसे सैलूनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को निर्देश दिया है।
मौजूदा प्रोटोकॉल और नियमों को ताक पर रखकर जो अयोग्य हाथों हेयर ट्रांसप्लांट या सौंदर्य से जुड़ी सर्जरी की जा रही है, वह गैर कानूनी है। इसके ऊपर सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। हाईकोर्ट ने नेशनल मेडिकल कमीशन और दिल्ली मेडिकल काउंसिल समेत संबंधित कई एजेंसियों से स्टेटस रिपोर्ट मांगते हुए इस बात पर बल दिया और कहा है कि हेयर ट्रांसप्लांट या सौंदर्य सर्जरी के लिए योग्यता विशेषज्ञ अथवा सर्जनों के द्वारा ही मरीजों की सहमति से किया जाना चाहिए। ऐसे मामलों में संबंधित विभागों को सजग रहने की जरूरत है। हो सके तो ऐसे बाल प्रत्यारोपण केंद्रों में हर महीने या दो महीने में औचक निरीक्षण किया जाए। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान किया जाए।

सुशील देव


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment