मुद्दा : चिंता का सबब है शहरों का बढ़ता तापमान

Last Updated 22 Apr 2022 12:13:19 AM IST

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर ने हाल में भारत में नगरीय ऊष्मा दीपों के विस्तार में मानवजनित कारक नाम से एक शोधपत्र जारी किया।


मुद्दा : चिंता का सबब है शहरों का बढ़ता तापमान

नगरीय ऊष्मा द्वीपों  के सतही तापांतर का अध्ययन एवं शोध किया गया। यह शोध वर्ष 2001-2017 के दौरान 44 प्रमुख शहरों में किए गए अध्ययन पर आधारित है। अध्ययन का सार यह निकला कि पहली बार शहरी ऊष्मा द्वीपों का सतही औसत दैनिक तापमान 2 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने के प्रमाण पाए गए। दिल्ली, मुंबई, बंगलुरू, हैदराबाद और चेन्नई जैसे सभी नगरों में ऐसे प्रमाण मिले हैं। यह विश्लेषण मानसून और उत्तर मानसून काल में उपग्रह आधारित तापमान मापन पर आधारित है। नगरीय ऊष्मा द्वीप की बात करें तो वह उस क्षेत्र को कहते हैं, जो नगरीय द्वीप व सघन जनसंख्या वाला इलाका है, जिसका तापमान उपनगरीय या ग्रामीण क्षेत्रों  की तुलना में 2 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है।
नगरीय क्षेत्र, ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में हीट वेव (लू) की चपेट में जल्दी आ जाते हैं, इसके प्रमुख कारण क्या हैं? ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक खुला स्थान, पेड़-पौधे और घास होती है। जहां तक पता होगा कि पेड़-पौधे में वाष्पोत्सर्जन की क्रियाएं होती हैं जबकि नगरों में इन क्रियाओं की कमी रहता है। अत: नगरों का तापमान अधिक हो जाता है। वहीं फुटपाथ, सड़क, छत जैसी अवसंरचनाएं कंक्रीट, टार और ईटों जैसी अपारदर्शी सामग्री से निर्मिंत होती हैं जो प्रकाश को संचारित नहीं होने देती है। कृत्रिम निर्माण के साजो-सामान वास्तव में नगरों को और तंग बना रहे हैं। नतीजतन तेजी से हरित क्षेत्र कम होते जा रहे हैं और वातावरण में नमी की कमी होती जा रही है। इसके कारण सूरज से मिलने वाली ज्यादातर ऊर्जा धरती के द्वारा अवशोषित कर ली जाती है, जिससे शहरों के वातावरण का तापमान रात के समय ग्रामीण क्षेत्रों के तापमान की तुलना में बढ़ जाता है। देखा जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों में तुलनात्मक रूप से शहरों की अपेक्षा ज्यादा वाष्पोत्सर्जन (वनस्पतियों के द्वारा जल का अवशोषण व उत्सर्जन) होता है। इस प्रक्रिया से वातावरण ठंडा होता है।

इसके अलावा सामान्य मिट्टी वाली भूमि या कृषि क्षेत्र की तुलना में शहरी क्षेत्र में ऊष्मा का अवशोषण अधिक होता है, जिसका कारण है शहरों में इस्तेमाल होने वाले कृत्रिम निर्माण सामग्रियों के तापीय गुण। इनके द्वारा अवशोषित ऊर्जा रात के समय उत्सर्जित होती है जो शहरी कृत्रिम संरचना में फंसकर रात में शहरों का तापमान बढ़ा देती है। इसके कारण गर्म हवा का प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में ज्यादा होता है। भूमि का उपयोग किस प्रकार गर्म हवाओं को प्रभावित करता है? मौसम विज्ञान के अनुसार कई वायुमंडलीय प्रक्रियाएं भूमि की सतह की स्थिति पर निर्भर करती हैं। ये भूमि की सतह के मानकों जैसे-नमी की उपलब्धता, उत्सर्जन, खुरदरापन और तापीय जड़त्व के द्वारा तय की जाती हैं। ये सभी मानदंड भूमि क्षेत्र के उपयोग और सतह के कार्य हैं। तेजी से बढ़ रहे नगरीय क्षेत्रों के लिए बढ़ती आबादी और संरचनात्मक ढांचे के दबाव के कारण भूमि उपयोग और भूमि कवर (एलयूएलसी) में परिवर्तन, शहरी मौसम विज्ञान में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जैसे-जैसे शहर बढ़ता है, शहर के मानवजनित स्रोतों से उत्सर्जित ऊष्मा भी बढ़ती है जो इसको आसपास के ग्रामीण या कम विकसित क्षेत्रों की तुलना में गर्म बनाती है।
दिल्ली के एक अध्ययन में ‘गर्म द्वीप प्रभाव’ का मूल्यांकन मेसोस्केल मौसम विज्ञान मॉडल या मौसम अनुसंधान और पूर्वानुमान मॉडल (डब्ल्यूआरएफ वी3.5) तथा नगरी सतह के आवरण मॉडल (यूसीएम) को साथ मिलाकर किया गया। गर्म द्वीप की तीव्रता गर्म द्वीप प्रभाव को मापने का एक तरीका है।
भूमि उपयोग और भूमि आवरण (एलयूएलसी) को इसकी प्राकृतिक अवस्था तथा उपग्रह अवलोकन के आधार पर एक मॉडल उत्पादक की कसौटी पर आंका गया। साथ ही इनके अंतर संबंधों को परखा गया। इस मॉडल ने दिखाया है कि यह तार्किक रूप से गर्म द्वीप प्रभाव की तीव्रता (यूएचआई) का आकलन कर सकता है तथा यूएचआई की प्रवृत्ति को पुन: प्रस्तुत कर सकता है। मेसोस्केल मॉडल की अनुमान क्षमता बढ़ाने के लिए शहरी सतह एवं भूमि उपयोग एवं भूमि आवरण का सही ढंग से अध्ययन में समायोजन एक महत्त्वपूर्ण तरीका है। इस अध्ययन से इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया कि डब्ल्यूआरएफ मॉडल और एलयूएलसी के सावधानीपूर्ण मूल्यांकन तथा बेहतर इनपुट से दिल्ली शहर के गर्म द्वीप प्रभाव को तय किया जा सकता है। शहरी आवरण की विशेषताओं को अध्ययन में शामिल करके गर्म हवाओं के प्रभाव का बेहतर अनुमान लगाया जा सकता है। इसके परिणामस्वरूप हम बढ़ते तापमान से लड़ने और इसके प्रभाव को कम करने के लिए बेहतर तरीके अपना सकते हैं।

लक्ष्मी भारती


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