2021 : निर्यात की ऊंचाई का साल

Last Updated 28 Dec 2021 12:07:19 AM IST

यकीनन वर्ष 2021 निर्यात की ऊंचाई का वर्ष रहा है।


2021 : निर्यात की ऊंचाई का साल

23 दिसम्बर को फेडरेशन ऑफ एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन (फियो) ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 की शुरुआत से दुनिया की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं के खुलने की वजह से भारत से किए जाने वाले निर्यात में तेजी का दौर रहा है। अप्रैल से दिसम्बर 2021 तक के नौ महीनों में भारत से करीब 300 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया गया है और चालू वित्त वर्ष में 400 अरब डॉलर का रिकॉर्ड निर्यात लक्ष्य  प्राप्त होने की पूरी संभावना है। वर्ष 2020-21 के दौरान भारत ने करीब 290.63 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया था।
हाल ही में 20 दिसम्बर को प्रधानमंत्री मोदी के साथ देश की प्रमुख कंपनियों के सीईओ की बैठक के बाद सीईओ ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप देश को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने के साथ विदेश व्यापार को भी चमकीली ऊंचाई दिए जाने के लिए तत्परता से आगे बढ़ा जाएगा। नि:संदेह इस समय देश का विदेश व्यापार तेजी से बढ़ने के तीन परिदृश्य उभरकर दिखाई दे रहे हैं। एक; 6 दिसम्बर को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर बैठक में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को वर्ष 2025 तक 30 अरब डॉलर और आपसी निवेश को 50 अरब डॉलर की ऊंचाई पर पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित हुआ है। दो; विगत 23 नवम्बर को भारत-अमेरिका के बीच हुए महत्त्वाकांक्षी व्यापार समझौते से भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2021-22 में 100 अरब डॉलर पार कर सकता है। तीन; इस वित्तीय वर्ष में कोविड-19 की चुनौतियों को दरकिनार करके विभिन्न विकसित और विकासशील देशों के साथ भारत का विदेश व्यापार रिकार्ड ऊंचाई पर है।

गौरतलब है कि हाल ही में रूस के साथ शिखर बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में हमारे रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए हम एक दीर्घकालिक दृष्टि अपना रहे हैं। मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत कोर डेवलपमेंट और को-प्रोडक्शन से हमारा आपसी सहयोग और मजबूत होगा। इस अवसर पर पुतिन ने कहा कि दोनों देशों के बीच इस वर्ष 2021 के पहले 9 महीनों में द्विपक्षीय व्यापार में 38 फीसद की बढ़ोतरी देखी गई है। वर्ष 2020  में भारत और रूस का द्विपक्षीय व्यापार करीब 9 अरब डॉलर मूल्य का था। भारत व रूस की इस शिखर बैठक के बाद अब रूस के साथ खाद्य, कृषि, ऊर्जा, नागरिक उड्डयन, बुनियादी ढांचे, परिवहन, आईटी अंतरिक्ष, डिजिटल, विकास प्रौद्योगिकी विकास, हेल्थ केयर, फार्मास्यूटिकल्स, जैव प्रौद्योगिकी, लॉजिस्टक, औषधि, खिनज तथा पेपर उद्योग जैसे क्षेत्रों में आपसी परियोजनाएं और व्यापार बढ़ने की जोरदार संभावनाएं आगे बढ़ी हैं। अब अमेरिका के साथ नये समझौते से दोनों देशों के बीच ऊंचाई भरा द्विपक्षीय कारोबार दिखाई दे सकेगा। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2019-20 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 88.75 अरब डॉलर का रहा। पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में कोरोना आपदा के कारण यह करीब 80 अरब डॉलर रहा था। अमेरिका के साथ नये व्यापार समझौते से चालू वर्ष 2021-22 में द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब डॉलर के आंकड़े को सरलता से पार करते हुए दिखाई दे सकेगा। नि:संदेह रूस और अमेरिका के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ताओं से जहां इन दोनों आर्थिक महाशक्तियों के साथ भारत के लिए तेजी से व्यापार बढ़ने की संभावनाएं प्रबल हुई हैं, वहीं भारत ने जिन 150 से अधिक देशों को कोरोना संक्रमण से निजात पाने के लिए आयुर्वेदिक दवाइयां निर्यात की हैं, उन देशों में भी अब भारत से कृषि, दवाई और विविध सामानों का निर्यात तेजी से बढ़ रहा है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के मुताबिक भारत में चालू वित्त वर्ष में रिकार्ड खाद्यान्न उत्पादन और रिकार्ड फल व सब्जियों के उत्पादन होने के अनुमानों के मद्देनजर इनके निर्यात की नई संभावनाएं भी बढ़ी हैं। ऐसे में अमेरिका व रूस के साथ साथ विभिन्न देशों के लिए कृषि व खाद्य प्रसंस्कृत वस्तुओं की मांगों के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में कृषि निर्यात किए जा सकेंगे। ऐसे में चालू वित्त वर्ष 2021-22 में कृषि निर्यात 43 अरब डॉलर के स्तर को पार करते हुए दिखाई दे सकेगा। देश के विदेश व्यापार बढ़ने और निर्यात में तेजी आने के कई कारण हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच विनिर्माण क्षेत्र को लॉकडाउन से बाहर रखने के कारण उत्पादन में गतिरोध नहीं आया। हम उम्मीद करें कि भारत द्वारा हाल ही में अमेरिका व रूस के साथ जिस तरह द्विपक्षीय व्यापार के लिए प्रभावी कदम बढ़ाए गए हैं, उनसे इन दोनों देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार तेजी से आगे बढ़ेगा। साथ ही इस वर्ष दुनिया के विकसित और विकासशील देशों के साथ भारत द्वारा विदेश व्यापार बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों से चालू वित्त वर्ष 2021-22 में देश से निर्यात लक्ष्य के अनुरूप 400 अरब डॉलर की ऊंचाई पर दिखाई देगा। इससे देश में रोजगार के नये मौके निर्मिंत होंगे और देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ेगी।

डॉ. जयंतीलाल भंडारी


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