असंभव रिकार्डों की बराबरी

Last Updated 14 Oct 2020 12:40:30 AM IST

पिछला सप्ताह खेलों के लिहाज से ऐतिहासिक था क्योंकि इस हफ्ते दो ऐसे विश्व रिकार्डों की बराबरी हुई, जिन तक पहुंचने की कल्पना नहीं की जा रही थी।


असंभव रिकार्डों की बराबरी

असल में कुछ रिकॉर्ड ऐसे होते हैं, जो अन्य खिलाड़ियों की पहुंच से बाहर नजर आते हैं। पर यह कहा जाता है कि रिकॉर्ड बनते ही टूटने के लिए हैं, इसलिए असंभव से दिखने वाले रिकॉर्ड तक जब कोई दूसरा खिलाड़ी पहुंचता है तो हैरत नहीं होती है। राफेल नडाल ने रोलां गैरो पर फ्रेंच ओपन का रिकॉर्ड 13वां खिताब जीतकर रोजर फेडरर के 20 ग्रैंड स्लैम खिताबों की बराबरी कर ली। वहीं लुईस हेमिल्टन ने मर्सिडीज टीम से खेलते हुए फॉमरूला वन रेस में 91 वीं जीत पाकर माइकल शूमाकर के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली।
नडाल और हेमिल्टन दोनों ही अभी जिस अंदाज से खेल रहे हैं, उससे इन रिकार्डों का टूटना भी तय लगने लगा है। मुझे याद है कि 2002 में अमेरिकी टेनिस खिलाड़ी पीट सम्प्रास ने जब यूएस ओपन के रूप में 14वां ग्रैंड स्लैम खिताब जीतकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया था। उस समय कोई भी खिलाड़ी उनके आसपास नहीं था। पर हर दशक में असाधारण प्रतिभा के खिलाड़ी आते हैं और मुश्किल दिख रहे रिकॉर्ड पर कब्जा जमाकर सभी को हतप्रभ कर देते हैं। रोजर फेडरर ने सम्प्रास के रिकॉर्ड को तोड़ा ही बल्कि उसे 20 ग्रैंड स्लैम खिताब तक ले जाकर इस रिकॉर्ड को तोड़ने की चुनौती को खासा मुश्किल बना दिया।

फेडरर के इस रिकॉर्ड को बनाने के समय उनके सबसे करीब राफेल नडाल थे और उनके नाम 16 ग्रैंड स्लैम खिताब थे, इससे लगता था कि फेडरर का रिकॉर्ड टूटना मुश्किल है। पर फेडरर 2018 में ऑस्ट्रेलियन ओपन खिताब जीतने के बाद कोई खिताब जीत नहीं सके और नडाल ने तीन फ्रेंच ओपन और एक यूएस ओपन खिताब जीतकर अपने को फेडरर के रिकॉर्ड की बराबरी पर पहुंचा दिया है। राफेल नडाल के फेडरर के रिकॉर्ड की बराबरी पर आने के बाद लग रहा है कि वह जल्द ही इस रिकॉर्ड को तोड़ सकते हैं, लेकिन फेडरर और नडाल को पीछे छोड़ने के एक अन्य दावेदार नोवाक जोकोविच हैं। वह अभी 17 ग्रैंड स्लैम खिताबों के साथ तीसरे स्थान पर हैं। पर उनके पक्ष में जाने वाली बात यह है कि फ्रेंच ओपन के अलावा बाकी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंटों में उनका प्रदर्शन नडाल के मुकाबले ज्यादा बेहतर है। इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि पिछले तीन सालों में नडाल ने फ्रेंच ओपन के अलावा सिर्फ एक यूएस ओपन खिताब जीता है। वहीं जोकोविच इन तीन सालों में दो ऑस्ट्रेलियन ओपन, दो विम्बलडन और एक यूएस ओपन खिताब जीत चुके हैं। वह तो जोकोविच इस साल यूएस ओपन में लाइन जज के गेंद मारकर अयोग्य करार नहीं किए गए होते तो वह 18 खिताबों तक पहुंच सकते थे, क्योकि वह उस समय अच्छी रंगत में खेल रहे थे। महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के 100 अंतरराष्ट्रीय शतकों के रिकार्ड और उसेन बोल्ट के 100 मीटर दौड़ के 9.58 सेकेंड के रिकॉर्ड को जिस तरह टूटना मुश्किल माना जाता है। लगभग वही स्थिति माइकल शूमाकर के फॉमरूला वन रेसों में 91 जीतों और सात खिताबों के रिकॉर्ड की भी रही है। बोल्ट के रिकॉर्ड को तोड़ना दमखम पर निर्भर है। पर बाकी दोनों रिकार्डों को तोड़ने के लिए लंबे समय तक लगातार अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत है। मौजूदा दौर प्रतिभाओं की भरमार का है, इसलिए लंबे समय तक खेलते रहना ही बड़ी चुनौती है और रिकॉर्ड को बनाना तो और भी मुश्किल है। हेमिल्टन ने खुद जब एफ-1 सर्किट में भाग लेना शुरू किया तो उन्हें खुद भी शूमकार का रिकॉर्ड अजेय नजर आता था, लेकिन वह अपने प्रदर्शन में एकरूपता बनाए रखकर रिकॉर्ड तक पहुंच गए हैं।
हेमिल्टन के लगातार अच्छे प्रदर्शन से अब लगने लगा है कि वह शूमाकर के सात-एफ-1 खिताबों के रिकॉर्ड की इसी सत्र में बराबरी भी कर सकते हैं। हेमिल्टन इस समय 69 अंक बनाकर टॉप पर चल रहे हैं और अभी छह रेस होना बाकी है। वह अब तक किए प्रदर्शन को दोहराने में कामयाब हो गए तो शूमाकर के सात खिताबों के बराबर पहुंच जाएंगे। शूमाकर ने 16 सत्रों में 91 जीतों का रिकॉर्ड बनाया था और लुईस हेमिल्टन ने मात्र 14 सत्रों में इस रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। पिछले दिनों थिएम के यूएस ओपन खिताब जीतने पर कहा जाने लगा था कि अब बिग थ्री का जमाना गुजरने वाला है और यंग ब्रिगेड का जलवा दिखने लगा है, लेकिन फ्रेंच ओपन आने पर यह बात साबित हो गई कि इस तिकड़ी को हराना अभी तो संभव नहीं दिख रहा है। यह जरूर है कि थिएम और अलेक्जेंडर ज्वेरेव जैसा युवा खिलाड़ी बिग थ्री के सिंहासन को हलाने तो आ गए हैं पर अभी बिग थ्री की जगह लेने वाली स्थिति में नहीं पहुंचे हैं।

मनोज चतुर्वेदी


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