वैश्विकी : ट्रंप की हठवादिता यथावत

Last Updated 10 Feb 2019 02:59:39 AM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चार वर्ष के कार्यकाल के लगभग मध्य में अमेरिकी कांग्रेस में अपना वाषिर्क स्टेट ऑफ यूनियन संबोधन प्रस्तुत किया, जो आत्मविश्वास और उपलब्धियों के दावों से सराबोर था।


वैश्विकी : ट्रंप की हठवादिता यथावत

मुख्यधारा के मीडिया और बुद्धिजीवी समाज की ओर से विरोध का सामना कर रहे ट्रंप के तेवरों में कोई कमी नहीं थी, और वे अपनी विवादास्पद नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए कृतसंकल्प लगे। राष्ट्रपति और कांग्रेस के बीच तनातनी के कारण प्रशासन को लंबे समय तक आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ा लेकिन ट्रंप ने अपनी ओर से कोई कमजोरी नहीं दिखाई। घरेलू मोच्रे पर अवैध आव्रजन के खिलाफ उनकी मुहिम जारी है, और पड़ोसी देश मैक्सिको की सीमा पर दीवार खड़ा करने की योजना अस्तित्व में नहीं आने के बावजूद देश में अवैध रूप से रहने वाले लोगों की संख्या में कमी दर्ज की गई है।

विदेश नीति के मोच्रे पर जहां एक ओर डोनाल्ड ट्रंप पर नया शीत युद्ध शुरू करने का आरोप लगाया जा रहा है, वहीं उत्तर कोरिया को परमाणु हथियारों से मुक्त करने के प्रयासों से विश्व शांति को लेकर आशा जगी है। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने नब्बे मिनट के संबोधन में घरेलू मोच्रे पर रोजगार, आव्रजन, स्वास्थ्य सेवा और मैक्सिको सीमा पर दीवार खड़ी करने का संकल्प दोहराया तो विदेश नीति के संदर्भ में वेनेजुएला, ईरान, रूस, नाटो, उत्तर कोरिया और अफगानिस्तान में राजनीतिक शांति की बहाली के लिए तालिबान के साथ बातचीत को रचनात्मक बताया। हालांकि ट्रंप से यह अपेक्षा भी थी कि वह विदेश नीति के मामले में अपना रुख थोड़ा नम्र करेंगे लेकिन वह उन्हीं विचारों और रणनीतियों पर अड़े दिखे जिन्हें उनका प्रशासन उनके कार्यभार संभालने के बाद से ही लागू कराने का प्रयास कर रहा है। जहां उन्होंने राजनीतिक संकट से जूझ रहे वेनेजुएला में निकोलस मादुरो के समाजवादी झुकाव वाले शासन पर हमला किया कि इस शासन ने भयावह गरीबी और निराशा का वातावरण बना दिया है। वेनेजुएला के बहाने उन्होंने समाजवाद पर चुटकी लेते हुए कहा कि अमेरिका में कभी समाजवाद नहीं आएगा। उन्होंने ईरान के शासकों को  उन्हें कट्टरपंथी शासक बताकर अत्यधिक बुरा करने वाले शासक के रूप में निरूपित किया और इस तरह उन्होंने ईरान के साथ परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग करने के निर्णय को उचित ठहराया। इसी तरह उन्होंने रूस के साथ मध्यम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल संधि से अलग होने के फैसले को दुहराया और नई परमाणु मिसाइल संधि का प्रस्ताव किया। अमेरिका के मिसाइल संधि से अलग होने के कारण हथियारों की होड़ की आशंकाएं बढ़ गई हैं। ट्रंप ने अफगानिस्तान और मध्य-पूर्व के क्षेत्रों से अमेरिकी सेना की वापसी का बचाव यह कहते हुए किया कि ‘महान राष्ट्र अंतहीन युद्ध नहीं लड़ते।’ उत्तर कोरिया के साथ संभावित युद्ध को टालने के लिए उन्होंने अपनी सरकार की प्रशंसा की। कुछ लोगों के लिए यह राहत की बात हो सकती है कि उनका यह संबोधन उनके प्रारंभिक उद्घाटन भाषण जैसा डर पैदा करने वाला नहीं था, लेकिन उनकी इस अपील को, कि हम दो दलों के रूप में नहीं बल्कि एक राष्ट्र के रूप में शासन करेंगे, आलोचकों ने जमीनी यथार्थ को देखते हुए इसे खोखला ही माना।
डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य स्टेसी अब्राम्स ने ट्रंप की आलोचना करते हुए कहा कि उनका यह दावा खोखला है कि वह मध्यवर्गीय अमेरिकियों के लिए काम कर रहे हैं। पिछले दिनों सरकारी कामकाज ठप रहने के दौरान लोगों ने जिस तरह आर्थिक कठिनाइयों का सामना किया उससे पता लगता है कि ट्रंप अमेरिका की भलाई के लिए कितने गंभीर हैं। वास्तव में अगर ट्रंप ईमानदारी से और सार्थक तरीके से दोनों तरफ के छह करोड़ मतदाताओं को संबोधित नहीं करते तो राजनीतिक कड़वाहट राजनीतिक व्यवस्था में लगातार बनी रहेगी और अमेरिकी अवधारणा के लिए खतरा बन जाएगी। निस्संदेह ट्रंप अपनी उपलब्धियों के दावों के साथ दोबारा राष्ट्रपति बनने के लिए चुनाव मैदान में उतरेंगे। रिपब्लिकन उन्हें अपना उम्मीदवार बनाती है, या नहीं, यह अभी अनिश्चित है, लेकिन ट्रंप पार्टी के प्रतिष्ठान को चुनौती देकर मैदान में अवश्य उतरेंगे। उनके विरोध में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से कई लोगों ने अपनी दावेदारी पेश की है। अभी तक ट्रंप के विरोध में कोई ऐसा उम्मीदवार सामने नहीं आया है, जो उन्हें चुनौती दे सके।

डॉ. दिलीप चौबे


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