अंगूठे से डिजिटलीकरण
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल\' 17 को नागपुर में आधार भुगतान एप \'\'भीम\'\' को राष्ट्र को समर्पित किया. राष्ट्रीय भुगतान निगम (यूपीआई) और रिजर्व बैंक ने मिलकर इस एप को तैयार किया है.
![]() अंगूठे से डिजिटलीकरण (फाइल फोटो) |
विमुद्रीकरण के बाद सभी लोग नकदी की किल्लत का सामना कर रहे थे. इसलिए, इस एप को नकदी की समस्या से निजात दिलाने के उपाय के तौर पर देखा गया है. इसकी मदद से बैंकों के खाताधारक डिजिटल लेन-देन कर सकते हैं, जिसकी प्रक्रिया सरल है. इसका उपयोग स्मार्टफोन की मदद से भी किया जा सकता है और इसके बिना भी. इसके लिए इंटरनेट, डेबिट व क्रेडिट कार्ड आदि की जरूरत नहीं होगी. यह एप एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) प्रणाली पर आधारित है. इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए बैंक खाते के विवरण की भी जरूरत नहीं होगी. उपभोक्ता के वर्चुअल आईडी से इस डिजिटल लेन-देन को पूरा किया जा सकेगा. इस एप की मदद से पैसों का अंतरण, बिल भुगतान, ऑनलाइन शॉपिंग का भुगतान, मकान किराया का भुगतान किया जा सकता है.
इस एप में बायोमेट्रिक रीडर को जोड़कर फिंगरप्रिंट की मदद से किसी भी बैंक के खातेधारी, जिनका खाता आधार से जुड़ा है को कहीं भी भुगतान प्राप्त करने की सुविधा मिल सकेगी. इस एप के आने के बाद बैंक ग्राहकों के साथ-साथ दुकानदारों को भी फ़ायदा मिल सकेगा, क्योंकि मौजूदा समय में डेबिट और क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने पर दुकानदारों को डिजिटल सुविधा का उपभोग करने के एवज में 2.5 प्रतिशत सेवा शुल्क के रूप में देना पड़ता है, जिसका फ़ायदा बैंक और गेटवे प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने वाले सेवा प्रदाताओं को मिलता है, लेकिन आधार भुगतान एप \'\'भीम\'\' के जरिये किये जाने वाले भुगतान पर दुकानदारों को ऐसा कोई सेवा शुल्क नहीं देना पड़ेगा.
आधार भुगतान एप भीम की सफलता के लिये सरकार ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया आदि को अप्रैल\' 17 तक ग्राहकों के खाते को आधार से जोड़ने का निर्देश दिया था, जिसके प्रत्युतर में बैंकों ने आश्वस्त किया है कि उनकी तैयारी समय-सीमा के अंदर पूरी हो जायेगी. बैंकों ने कहा है कि आधार भुगतान भीम से ग्राहकों को भुगतान देने की सुविधा वे मई\' 17 से उपलब्ध करा देंगे.
इस प्रक्रिया में अगर किसी खातेधारी का खाता किसी वजह से आधार से नहीं जुड़ पाता है तो वे खुद इसकी महत्ता से अवगत होने पर अपने खाते को आधार से लिंक करा लेंगे, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि बैंक मामले में लापरवाही बरतेंगे. इस सुविधा का लाभ लेने के लिए ग्राहक को आधार भुगतान एप भीम में आधार संख्या को प्रविष्ट करने के बाद जिस बैंक में आधार से जुड़ा खाता है का चुनाव करना होगा. इस प्रक्रिया में फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल पार्सवड की तरह किया जायेगा. जिन ग्राहकों के स्मार्टफोन में फिंगरप्रिंट सेंसर की सुविधा होगी, उनके लिए अलग से बायोमेट्रिक रीडर की जरूरत नहीं होगी.
कारोबारी अगर इस एप का फायदा लेना चाहें तो उन्हें आधार कैशलेस भुगतान मर्चेन्ट एप अपने स्मार्टफोन में इन्स्टाल करके उसे बायोमेट्रिक रीडर से जोड़ना होगा. वैसे, स्मार्टफोन में फिंगरप्रिंट सेंसर की सुविधा होने पर मोबाइल की मदद से ही डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी. बता दें कि नोटबंदी के बाद सरकार डिजिटल लेन-देन को बढ़ाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है. डिजिटलीकरण की प्रक्रिया सरल हो, लोगों को आसानी से यह समझ में आये, भुगतान की प्रक्रिया शुल्क रहित हो आदि को संभव बनाने के लिए सरकार ने आधार भुगतान एप भीम का आगाज किया है.
काले धन पर गठित न्यायमूर्ति एमबी शाह की अगुआई में गठित एसआईटी ने क्रेडिट एवं डेबिट कार्ड से लेनदेन करने पर लगने वाले शुल्क को समाप्त करने की सिफ़ारिश हाल ही में की थी. कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बैंक डिजिटल लेन-देन में पहले ही कटौती कर चुका है, लेकिन अब सवाल इसे शुल्करहित करने का है. हालांकि, इस संदर्भ में बैंक अपना शुल्क खत्म कर भी दे सकते हैं, लेकिन हर डिजिटल लेन-देन पर बैंक को पेमेंट गेटवे कंपनियों को शुल्क देना पड़ता है, इसलिए उनके लिए डिजिटल लेन-देन को पूरी तरह शुल्क मुक्त करना संभव नहीं है, लेकिन आधार भुगतान एप भीम के आ जाने के बाद डिजिटल लेन-देन की प्रक्रिया शुल्क रहित हो सकती है.
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