भारत का निर्यात निश्चित रूप से चालू वित्त वर्ष में 825 अरब डॉलर से अधिक होग: गोयल

Last Updated 11 Jun 2025 01:38:17 PM IST

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विश्व व्यापार गंभीर भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन भारत ऐसे समय में लगातार विजेता के रूप में उभरा है और देश का वस्तुओं एवं सेवाओं का निर्यात निश्चित रूप से 2025-26 में 825 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।


रूस-यूक्रेन संघर्ष, इज़राइल-हमास युद्ध और लाल सागर संकट के कारण वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद देश का समग्र निर्यात 2023-24 में 778 अरब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 2024-25 में 825 अरब अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।

गोयल ने कहा कि कुछ बहुपक्षीय निकायों के अनुमान के अनुसार, वैश्विक व्यापार में संकुचन होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ दुनिया गंभीर भू-राजनीतिक चुनौतियों से गुजर रही है... इसलिए यह चुनौतीपूर्ण समय है, लेकिन भारत हमेशा चुनौतीपूर्ण समय में विजेता के रूप में उभरा है। हमने 2024-25 में रिकॉर्ड 825 अरब डॉलर का निर्यात किया। इस साल हमें और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।’’

गत वित्त वर्ष के आंकड़े पार करने की संभावना संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ हम निश्चित रूप से इसे पार करने में सक्षम होंगे।’’

भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के अनुमान के अनुसार, देश के समग्र वस्तु एवं सेवा निर्यात के 2025-26 में सालाना आधार पर 21 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 1000 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

फियो के अध्यक्ष एस. सी. रल्हन ने कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय खरीदारों द्वारा अपने स्रोतों में विविधता लाने की चाहत के कारण यह अच्छी वृद्धि संभव हो सकी है।

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) जैसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते भी आने वाले महीनों में निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करेंगे। भारत-ईएफटीए व्यापार समझौता इस साल एक अक्टूबर से लागू होने की उम्मीद है।

गोयल ने कहा कि कांग्रेस के समय में किए गए एफटीए अच्छे नहीं थे और इनका असर घरेलू कंपनियों पर पड़ा। उन्होंने आसियान जैसे देशों के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर किए, जो भारत के प्रतिस्पर्धी हैं। इसके अलावा वे संतुलित नहीं थे। भारत ने उन देशों के लिए और अधिक बाजार खोले.. हालांकि उसके बदले में हमें अच्छे सौदे नहीं मिले।

उन्होंने कहा कि तैयार माल के मामले में भारत ने शुल्क हटा दिए लेकिन कच्चे माल पर आयात करों ने उल्टे शुल्क की समस्या उत्पन्न कर दी है और इससे ‘‘हमें बहुत नुकसान’’ हुआ है। अब (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी सरकार ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, ईएफटीए, यूरोपीय संघ (ईयू), यूएई, ओमान, पेरू और चिली जैसे विकसित देशों/क्षेत्रों के साथ एफटीए कर रही है।

गोयल ने कहा, ‘‘ यहां हम सहयोग करते हैं, कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है... इसलिए हम अच्छी तरह से सोची-समझी रणनीति के साथ एफटीए कर रहे हैं।’’

भाषा
बर्न (स्विट्जरलैंड)


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