10 लाख से अधिक कीमत की वस्तुओं पर नया टैक्स
दस लाख रुपए से अधिक कीमत वाले हैंडबैग, कलाई घड़ी, जूते-चप्पल और स्पोर्ट्सवियर जैसे लक्जरी सामान पर अब एक प्रतिशत ‘स्रोत पर कर संग्रह’ (टीसीएस) लगेगा।
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वर्तमान में एक जनवरी से 10 लाख रुपए से अधिक कीमत वाले मोटर वाहनों पर एक प्रतिशत की दर से टीसीएस लगाया जा रहा है।
आयकर विभाग ने 22 अप्रैल से 10 लाख रुपए से अधिक की विशिष्ट लक्जरी वस्तुओं की बिक्री पर एक प्रतिशत टीसीएस लगाये जाने को अधिसूचित किया है।
टीसीएस को निर्दिष्ट वस्तुओं की बिक्री के समय खरीदार से लिया जाता है तथा इसे आयकर रिटर्न दाखिल करते समय क्रेता की कर देनदारी में समायोजित किया जा सकता है।
स्रोत पर कर कटौतर से कोई अतिरिक्त राजस्व प्राप्त नहीं होता, लेकिन इससे कर विभाग को उच्च मूल्य के व्यय का पता लगाने में मदद मिलती है, क्योंकि खरीदारी के समय पैन विवरण प्रस्तुत करना होता है।
दस लाख रुपए से ज्यादा कीमत वाली लक्जरी (विलासिता वाली) वस्तुओं और मोटर वाहन के लिए टीसीएस प्रावधान वित्त अधिनियम, 2024 के माध्यम से जुलाई, 2024 में बजट में पेश किया गया था। टीसीएस एकत्र करने का दायित्व विक्रेता पर होगा।
यह अधिसूचित वस्तुओं जैसे कलाई घड़ी, कला वस्तुएं जैसे पेंटिंग, मूर्तियां और प्राचीन वस्तुएं, संग्रहणीय वस्तुएं जैसे सिक्के और टिकट, नौकाएं, हेलीकॉप्टर, लक्जरी हैंडबैग, धूप के चश्मे, जूते, उच्च श्रेणी के खेल परिधान और उपकरण, होम थिएटर सिस्टम और रेस या पोलो के लिए घोड़े आदि पर लागू होगा।
नांगिया एंडरसन एलएलपी के कर साझेदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि यह अधिसूचना उच्च मूल्य वाले विवेकाधीन व्यय की निगरानी बढाने और लक्जरी सामान खंड में ऑडिट को मजबूत करने की सरकार की मंशा बताती है।
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