सरकार द्वारा कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर में कटौती से ONGC व ऑयल इंडिया लिमिटेड को होगा फायदा

Last Updated 16 Nov 2023 04:27:05 PM IST

सरकार ने गुरुवार को अपनी पाक्षिक समीक्षा में कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर को 9,800 रुपये से घटाकर 6,300 रुपये प्रति टन कर दिया। इससे ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड सहित अपस्ट्रीम तेल कंपनियों को फायदा होगा।


31 अक्टूबर को पिछली पाक्षिक समीक्षा में, सरकार ने तेल की कीमतें बढ़ने के कारण कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर को 1 नवंबर से 9,050 रुपये से बढ़ाकर 9,800 रुपये प्रति टन कर दिया था।

अप्रत्याशित कर में वृद्धि से सरकार को राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखते हुए एलपीजी और सीएनजी पर सब्सिडी के वित्तपोषण के लिए अधिक धन जुटाने में मदद मिलती है।

हालांकि, ओएनजीसी और ऑयल इंडिया जैसी कंपनियों को नुकसान होता है, क्योंकि उन्हें अपने कच्चे तेल की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतों का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है।

अधिसूचना के अनुसार, डीजल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क भी 2 रुपये प्रति लीटर से आधा कर 1 रुपये कर दिया गया।

सरकार ने पहली बार पिछले साल जुलाई में कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर लगाया और गैसोलीन, डीजल और विमानन ईंधन के निर्यात पर लेवी बढ़ा दी, जब निजी रिफाइनरों ने घरेलू बिक्री के बजाय विदेशी बाजारों में मजबूत रिफाइनिंग मार्जिन से लाभ कमाना शुरू कर दिया।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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