मंत्रिमंडल का फैसला : गेहूं का MSP 110 रुपये बढ़ा
केंद्र सरकार ने मंगलवार को मौजूदा फसल विपणन वर्ष के लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को 110 रुपए बढ़ाकर 2,125 रुपए प्रति क्विंटल करने का फैसला किया।
![]() प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो) |
इसके साथ ही सरसों का एमएसपी 400 रुपए बढ़ाकर 5,450 रुपए प्रति टल कर दिया गया है। एक बयान में कहा गया कि किसानों के उत्पादन और आय को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में छह रबी फसलों का एमएसपी बढ़ाने का फैसला किया गया। एमएसपी वह दर है, जिस पर सरकार किसानों से कृषि उपज खरीदती है। इस समय सरकार खरीफ और रबी दोनों सत्रों में उगाई जाने वाली 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है। रबी (सर्दियों) फसलों की बुवाई खरीफ (गर्मी) फसलों की कटाई के बाद अक्टूबर में शुरू होती है। गेहूं और सरसों रबी की प्रमुख फसलें हैं।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार सीसीईए ने फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) और विपणन सत्र 2023-24 में छह रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी है। फसल वर्ष 2022-23 के लिए गेहूं का एमएसपी 110 रुपए बढ़ाकर 2,125 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो फसल वर्ष 2021-22 में 2,015 रुपए प्रति क्विंटल था। बयान में कहा गया है कि गेहूं की उत्पादन लागत 1,065 रुपए प्रति क्विंटल रहने का अनुमान है।
फसल वर्ष 2022-23 के लिए जौ का समर्थन मूल्य 100 रुपए बढ़ाकर 1,735 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया, जो पिछले वर्ष 1,635 रुपए प्रति क्विंटल था। दलहन में चना के लिए एमएसपी को 5,230 रुपए प्रति क्विंटल से 105 रुपए बढ़ाकर 5,335 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। मसूर का एमएसपी 5,500 रुपए प्रति क्विंटल से 500 रुपए बढ़ाकर 6,000 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
वृद्धि से कृषि क्षेत्र अधिक ऊर्जावान होगा : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि से कृषि क्षेत्र अधिक ऊर्जावान होगा। प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘राष्ट्र के विकास में हमारे किसान भाई-बहन अहम भागीदार हैं। उन्हें और सशक्त बनाने के लिए सरकार ने आज गेहूं, मसूर, चना और जौ सहित सभी अनिवार्य रबी फसलों की एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी है। ये निर्णय कृषि क्षेत्र को और अधिक ऊर्जावान बनाएगा।’’
गेहूं व सरसों के लिए उत्पादन लागत पर 100% प्रतिफल सुनिश्चित
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया को बताया कि सरकार ने गेहूं और सरसों के लिए उत्पादन लागत पर 100 प्रतिशत प्रतिफल सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि अन्य चार रबी फसलों के लिए प्रतिफल, उत्पादन लागत के मुकाबले 50 से 85 प्रतिशत तक अधिक है। यह पूछने पर कि क्या रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि से खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ेगी, मंत्री ने कहा कि अन्य देशों की तुलना में भारत में मुद्रास्फीति काबू में है।
सरकार ने कहा कि फसल वर्ष 2022-23 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि आम बजट 2018-19 के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के मुकाबले कम से कम 1.5 गुना तय करने की घोषणा की गई है। सरकार ने कहा कि इससे किसानों को उनके परिश्रम का उचित मूल्य मिलेगा।
बयान में कहा गया कि वर्ष 2014-15 से तिलहन और दलहन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए नए सिरे से प्रयास किए गए हैं। इसके बाद दलहन और तिलहन की पैदावार काफी बढ़ी है। कृषि मंत्रालय के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार तिलहन उत्पादन 2014-15 में 275 लाख टन से बढ़कर 2021-22 में 377 लाख टन हो गया है। इसी तरह दलहन की पैदावार में भी वृद्धि हुई है।
| Tweet![]() |