चालू वित्त वर्ष जीडीपी वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान : एसबीआई रिसर्च

Last Updated 02 Jun 2022 02:46:49 PM IST

एसबीआई रिसर्च ने चालू वित्त वर्ष देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च मुद्रास्फीति दर और ब्याज दरों में की जाने वाली संभावित बढ़ोतरी के कारण वित्त वर्ष 23 में वास्तविक जीडीपी में 11.1 लाख करोड़ की तेजी आने का अनुमान है।


चालू वित्त वर्ष जीडीपी वृद्धि दर

एसबीआई रिसर्च के अनुसार, वित्त वर्ष 23 की पहली छमाही में मुद्रास्फीति के उच्च स्तर पर बने रहने के आसार के बीच मौजूदा मूल्य पर जीडीपी इस साल 16.1 प्रतिशत बढ़ेगी।

रिपोर्ट में बताया गया है कि शेयर बाजार में सूचीबद्ध करीब 2,000 कंपनियों के राजस्व में गत वित्त वर्ष 29 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई और एक साल पहले की तुलना में उनका शुद्ध लाभ 52 फीसदी तक बढ़ गया।

एसबीआई रिसर्च का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) रेपो दर में क्रमिक वृद्धि करके अर्थव्यवस्था को समर्थन देने का प्रयास करेगा। इसी कोशिश के तहत आरबीआई जून में होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक के दौरान रेपो दर में 50 आधार अंक की बढ़ोतरी और नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 25 आधार अंक की बढ़ोतरी की घोषणा कर सकता है।

इस रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि आरबीआई आने वाले समय में रेपो दर में कुल 125 से 150 आधार अंकों तक की बढ़ोतरी कर सकता है। मौद्रिक नीति समिति ने गत मई आयोजित बैठक में रेपो दर में 40 आधार अंकों की वृद्धि की थी।

एसबीआई रिसर्च ने कच्चे तेल की कीमतों में उछाल पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इसके 120 डॉलर प्रति बैरल से अधिक पर बने रहने से चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति औसतन 6.5-6.7 प्रतिशत रह सकती है।

एसबीआई रिसर्च के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में कटौती की घोषणा मुद्रास्फीति को थोड़ी नियंत्रित कर पायेगी।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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