स्वेज नहर में फंसे कंटेनर जहाज को निकालने के प्रयास तेज

Last Updated 28 Mar 2021 03:55:34 PM IST

दुनिया के सबसे व्यस्त जलमार्ग मिस्र के स्वेज नहर में एक बड़ा कंटेनर जहाज 'एवर गिवेन' फंस गया है और इसे निकालने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।


स्वेज नहर में फंसे कंटेनर जहाज को निकालने के प्रयास तेज

स्वेज नहर प्राधिकरण ने एक बयान में कहा कि 'एवर गिवेन' नामक एक जहाज तेज हवाओं और धूल भरी आंधी के कारण कम दृश्यता होने के चलते नहर में फंस गया। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, यह जहाज रॉटरडैम के डच पॉइंट की ओर बढ़ रहा था कि कम दृश्यता और दुर्गमता के कारण यह स्वेज नहर में फंस गया।

400 मीटर (1,312 फीट) लंबे विशालकाय कंटेनर शिप 'एवर गिवेन' के नहर में फंसने के कारण समुद्र में दोनों ही ओर लंबा जाम लग गया है। सैकड़ों की संख्या में जहाज और तेल टैंकर फंसे हुए हैं।

स्वेज नहर से प्रत्येक दिन 30 प्रतिशत वैश्विक कंटेनर जहाज का आवागमन होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर एवर गिवेन को तत्काल नहीं निकाला जाता है तो लंबा जाम लग सकता है। इतना ही नहीं, इससे तेल बाजार, शिपिंग और कंटेनर की दरें प्रभावित हो सकती हैं और रोजमर्रा के सामान की लागत बढ़ सकती है।

बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि विशाल कंटेनर शिप को स्वेज नहर से निकालने के प्रयास किए गए हैं और अधिकरियों को उम्मीद है कि रविवार शाम तक जहाज फिर से अपने मार्ग पर आ सकता है।

बीबीसी के मुताबिक, इस रुकावट के कारण दोनों ओर 300 से अधिक जहाज रुके हुए हैं। कुछ जहाजों को अफ्रीका से घूम कर जाना पड़ रहा है।

स्वेज नहर इतना महत्वपूर्ण क्यों है - इसको कुछ आंकड़ों के माध्यम से समझा जा सकता है। भारत का यूरोप, नॉर्थ अमेरिका और साउथ अमेरिका के साथ स्वेज नहर के रास्ते सालाना व्यापार 200 अरब डॉलर का है। 193 किमी लंबी स्वेज नहर में मंगलवार से 160 जहाज फंसे हैं। स्वेज नहर भूमध्य सागर और लाल सागर को जोड़ती है और रोजाना यहां से औसतन 50 जहाज गुजरते हैं। ग्लोबल ट्रेड में इस रूट की हिस्सेदारी 12 फीसदी है। यह नहर एशिया और यूरोप के बीच तेल और कंज्यूमर गुड्स की आवाजाही के लिए दुनिया के सबसे व्यस्त रास्तों में से एक है।

बहरहाल, अफ्रीका के दक्षिणी सिरे पर केप ऑफ गुड होप के आसपास एक वैकल्पिक मार्ग से आवागमन पर दो सप्ताह अधिक समय लग सकता है। लॉयड की सूची के आंकड़ों के अनुसार, इस रुकावट के कारण प्रत्येक दिन अनुमानित 9.6 बिलियन डॉलर के माल का परिगमन प्रभावित हो रहा है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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