कच्चा तेल ढाई फीसदी से ज्यादा टूटा, कोरोना के कहर का असर

Last Updated 06 Nov 2020 12:44:58 PM IST

कोरोना के कहर के असर से कच्चे तेल के दाम में शुक्रवार को ढाई फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई।


कोरोना महामारी के गहराते प्रकोप से यूरोप में दोबारा लॉकडाउन के चलते तेल की खपत पर असर पड़ने के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों में गिरावट आई है। इस गिरावट से घरेलू वायदा बाजार में भी भी कच्चे तेल में नरमी के साथ कारोबार चल रहा था। घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर शुक्रवार को कच्चे तेल के नवंबर वायदा अनुबंध में पूर्वान्ह 10.57 बजे बीते सत्र से 75 रुपये यानी 2.61 फीसदी की गिरावट के साथ 2,796 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।

अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के जनवरी डिलीवरी अनुबंध में बीते सत्र से 2.57 फीसदी की कमजोरी के साथ 39.88 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।

वहीं, अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के दिसंबर डिलीवरी अनुबंध में बीते सत्र से 2.73 फीसदी गिरावट के साथ 37.73 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।

एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी व करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता बताते हैं कि दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने और वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए यूरोप में दोबारा लॉकडाउन होने से आने वाले दिनों में तेल की खपत मांग घटने के आसार बने हुए हैं, जिसके चलते तेल की कीमतों में नरमी आई है।

केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने भी बताया कि अमेरिका और यूरोप में तेल की मांग को लेकर अनिश्चितता बनी हुई और यूरोप में कोविड-19 के बढ़ते मामले को देखते हुए नये सिरे से प्रतिबंध लगा दिए गए हैं जिससे तेल की मांग में कमी आने की संभावना बनी हुई है।

हालांकि उन्होंने कहा कि लीबिया में तेल के उत्पादन में तेजी से रिकवरी आई है और उत्पादन में बढ़ोतरी से कीमतों पर दबाव आना स्वाभाविक है क्योंकि इस समय मांग कमजोर है।

केडिया ने कहा कि बहरहाल बाजार की नजर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे पर टिकी है जहां चुनाव के नतीजे को लेकर कानूनी लड़ाई शुरू होने की संभावना है जिससे कोरोना महामारी से निपटने के लिए राहत पैकेज में विलंब हो सकता है।
 

आईएएनएस
मुंबई


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment