आरबीआई ने स्टार्टअप को बैंक ऋण के लिहाज से प्राथमिक क्षेत्र का दर्जा दिया

Last Updated 06 Aug 2020 04:11:44 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ऋण प्रदान करने के अपने नियमों में बड़े बदलाव करते हुए स्टार्टअप को बैंक ऋण के लिहाज से प्राथमिक क्षेत्र का दर्जा दे दिया है।


आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास

यह विभिन्न क्षेत्रों में हजारों स्टार्टअप (अपना व्यापार या कंपनी शुरू करना) को समय पर और पर्याप्त बैंक ऋण तक पहुंच स्थापित करने की अनुमति देगा। इससे पहले परियोजनाओं से जुड़े जोखिम प्रोफाइल को देखते हुए इस काम में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।

प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) आरबीआई द्वारा बैंकों को दिया गया एक उपकरण है, जो बैंक के कुछ विशिष्ट क्षेत्रों जैसे कृषि और संबद्ध गतिविधियों, सूक्ष्म एवं छोटे उद्यमों, आवास के लिए गरीब लोगों, शिक्षा के लिए छात्रों और अन्य निम्न आय वर्ग और कमजोर वर्ग को उधारी देने के लिए होता है। बैंकों को समायोजित नेट बैंक क्रेडिट का 40 प्रतिशत पीएसएल की ओर रखना होता है।

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि पीएसएल दिशानिर्देशों की समीक्षा उभरती राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के मद्देनजर की गई है और इसमें समावेशी विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा, इस प्रकार अब बैंक प्राथमिकता क्षेत्र ऋण के प्रवाह में क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने के लिए एक प्रोत्साहन ढांचा (इंसेंटिव फ्रेमवर्क) तैयार किया गया है।

तदनुसार, प्रोत्साहन कम ऋण प्रवाह वाले जिलों में वृद्धिशील प्राथमिकता क्षेत्र क्रेडिट के लिए उच्च भारिता (वेटेज) प्राप्त करने वाले बैंकों के साथ काम करेगा और कम भारिता को ऐसे पहचान किए गए जिलों में सौंपा जाएगा, जहां ऋण या क्रेडिट प्रवाह तुलनात्मक रूप से अधिक है।

दास ने कहा, स्टार्ट-अप्स को पीएसएल का दर्जा दिया जा रहा है और सोलर पावर और कंप्रेस्ड बायो-गैस प्लांट सहित नवीकरणीय ऊर्जा की सीमा बढ़ाई जा रही है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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