एयर इंडिया के निजीकरण के अलावा कोई और विकल्प नहीं : हरदीप सिंह पुरी

Last Updated 16 Jul 2020 08:33:15 PM IST

नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि एयर इंडिया के पास निजीकरण के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है।


नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी

नागरिक उड्डयन मुद्दों पर एक प्रेस वार्ता के दौरान सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि एयरलाइन अपने अस्तित्व के लिए सरकारी वित्तपोषण पर निर्भर नहीं हो सकती है।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 से पैदा हुई आर्थिक समस्याओं के कारण केंद्र शायद एयरलाइन को वित्तीय मदद नहीं दे सके, क्योंकि समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर वित्तीय संसाधन की व्यवस्था की गई है।

मंत्री ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि एयरलाइन को उन लोगों पर छोड़ देना चाहिए जो जानते हैं कि इसे कैसे चलाना है। वह सोशल मीडिया पर एयरलाइन की 'लीव विदाउट पे' (बिना वेतन छुट्टी) नीति के संबंध में आई तीखी राजनीतिक प्रतिक्रियाओं पर जवाब दे रहे थे।

हाल ही में, एयर इंडिया ने एक योजना शुरू की है जिसके तहत कर्मचारी छह महीने से लेकर पांच साल तक के लिए 'बिना वेतन के छुट्टी' लेने का विकल्प चुन सकते हैं।

इसके अतिरिक्त, एयरलाइन के प्रबंधन के पास किसी भी कर्मचारी को छुट्टी पर भेजने का विकल्प भी होगा।

एयर इंडिया स्टाफ नोटिस, जिसकी प्रति आईएएनएस के पास है, के मुताबिक '7 जुलाई, 2020 को हुई अपनी 102वीं बैठक में निदेशक मंडल ने एक ऐसी योजना को मंजूरी दी जिसके तहत कर्मचारी छह महीने या दो साल या उससे अधिक के लिए 'बिना वेतन के छुट्टी' लेने का विकल्प चुन सकते हैं। इसको पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है।'

हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि भारत पूर्व शर्तो के तहत उड़ान सेवा की अनुमति देने की 'एयर बबल' व्यवस्था स्थापित करने के लिए तीन देशों के साथ बातचीत कर रहा है।

उड्डयन की भाषा में 'एयर बबल' यात्रा व्यवस्था दो देशों के बीच एक खास सुरक्षा और यात्रियों की यात्रा शर्तो के समुच्चय के तहत स्थापित की जाती है, जैसे हाई डिमांड, लीगल एंट्री और एक्जिट नियम और इन सेक्टरों पर संचालन की एयरलाइन की इच्छा।

पुरी ने कहा कि भारत ने एयर फ्रांस को दिल्ली, बेंगलुरू और मुंबई के लिए 18 जुलाई से एक अगस्त तक 28 उड़ानें संचालित करने की अनुमति दी है, जबकि अमेरिका स्थित युनाइटेड एयरलाइंस को 17 जुलाई से 31 जुलाई के बीच 18 उड़ानें संचालित करने की अनुमति दी गई है, और लुफ्थांसा की उड़ानों के लिए जर्मनी से बातचीत जारी है।

मौजूदा समय में भारत और यूएई के के नागरिक उड्डयन प्राधिकारी दोनों देशों के बीच 12 जुलाई से 16 जुलाई के बीच विशेष उड़ानें संचालित करने पर सहमत हैं।

व्यवस्था के अनुसार, यूएई द्वारा वहां मौजूद भारतीयों के लिए संचालित की जाने वाली विशेष उड़ानों को आईसीए (फेडरल अथॉरिटी फॉर आइडेंटिटी एंड सिटिजनशि) द्वारा अनुमोदित यूएई के निवासियों को वापसी के समय उनके देश ले जाने की अनुमति है।

इसी तरफ यूएई से भारतीयों को वापस लाने के लिए भारतीय एयरलाइंस द्वारा संचालित उड़ानों को आईसीए-अनुमोदित यूएई निवासियों को भारत से खाड़ी देश ले जाने की अनुमति है।

मौजूदा समय में भारत से संचालित होने वाली अनुसूचित वाणिज्यिक अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है।

 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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