आज देश के सामने इतिहास को बदलने का मौका : मोदी

Last Updated 19 Jun 2020 04:01:54 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जीवन में ऐसे मौके बहुत कम आते हैं जब कुछ करके इतिहास को मोड़ देने का मौका आता है। आज भारत के उद्योग जगत को, व्यापारी जगत को, सर्विस सेक्टर के लोगों को मजबूत करने के लिए इतिहास को बदलने का मौका आया है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (file photo)

इतिहास की दिशा बदलने का मौका आया है और भारत के भाग्य को बदलने का मौका आया है। उन्होंने कहा कि हमें इस मौके को जाने नहीं देना है। हमें इस अवसर को छोड़ना नहीं है। उन्होंने सभी वगरे से आह्वान किया कि भारत को आगे बढ़ाएं, भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 41 कोयला ब्लाकों की वाणिज्यिक नीलामी का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि इस चुनौती भरे समय में इस तरह का कार्यक्रम होना बहुत बड़ी आशा जगाता है, विश्वास का बहुत बड़ा संदेश लेकर आता है। कोरोना संकट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत कोरोना से लड़ेगा भी और आगे जीतेगा भी, आगे बढ़ेगा भी। भारत इस बड़ी आपदा को, आपदा समझ करके रोते-बैठने के पक्ष का नहीं है। भारत आपदा कितनी ही बड़ी क्यों न हो, उसको अवसर में बदलने के लिए कृतसंकल्प है और हम सब मिलकर आपदा को अवसर में बदलेंगे। कोरोना के इस संकट ने भारत को आत्मनिर्भर भारत- स्व विसनीय होने का सबक भी दिया है।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत यानी भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा। आत्मनिर्भर भारत यानी भारत आयात पर खर्च होने वाली लाखों करोड़ रु पए की विदेशी मुद्रा बचाएगा और देश के गरीबों के कल्याण के लिए काम में लाएगा। आत्मनिर्भर भारत यानी भारत को आयात न करना पड़े, इसके लिए वो अपने ही देश में साधन और संसाधन विकसित करने की दिशा में लगातार प्रयास करेगा, आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि आज हम जो आयात करते हैं, कल को उसी के सबसे बड़े निर्यातक बनेंगे। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ये बहुत आवश्यक है कि हम एक-एक क्षेत्र  को पकड़कर, एक-एक उत्पाद को पकड़कर, एक-एक सर्विस का ध्यान करते हुए समग्र तरीके से काम करें। एक-एक क्षेत्र को चुन करके उस क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाएं।
उन्होंने कहा कि आज की शुरुआत इसी सोच को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, एक मजबूत कदम है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम सिर्फ  कोयला खनन से जुड़े सुधार को जमीन पर उतारने का ही है, ऐसा नहीं है, बल्कि ये 130 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं को समझाने व अहसास करने का कमिटमेंट है। ये युवा साथियों के लिए रोजगार के लाखों अवसर तैयार करने की शुरु आत है। उन्होंने कहा कि आज हम सिर्फ  व्यवसायिक कोयला खनन के लिए नीलामी ही शुरू नहीं कर रहे हैं, बल्कि कोयला क्षेत्र को दशकों के लॉकडाउन से भी बाहर निकाल रहे हैं।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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