चीन पर ’अर्थवार‘, सरकारी टेलीकॉम कंपनी चीनी उपकरण नहीं लगाएंगी, रेलवे ने चीनी कंपनी का ठेका रद्द किया

Last Updated 19 Jun 2020 03:33:23 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ही कहा था कि सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उसी बात को आगे बढ़ाते हुए सरकारी मशीनरी आर्थिक मोर्चे पर चीन की घेराबंदी करने में जुट गई है।


भोपाल : बीस भारतीय जवानों के चीनी सेना द्वारा धोखे से मारे जाने के विरोध में विहिप व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने चीनी उत्पादों के बहिष्कार के साथ ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पुतला जलाया।

रेल मंत्रालय और संचार मंत्रालय ने दो बड़े कदम उठा दिए हैं। अब शहरी विकास मंत्रालय का नंबर है, जो दिल्ली से मेरठ के बीच बन रहे एमआरपीएस परियोजना का ठेका चीनी कंपनी को दिए जाने के फैसले पर भी पुनर्विचार कर रहा है।
केंद्र सरकार ने सभी निजी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों को चीनी उपकरण हटाने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने सबसे पहले दूरसंचार कि भारत सरकार की दो कंपनियां एमटीएनएल और बीएसएनएल को निर्देश जारी किया है कि वह चीन के उपकरण का इस्तेमाल ना करें और साथ ही चीन के साथ जो भी पुराने टेंडर हैं, उनको रद्द करें। सरकारी कंपनियों से कहा गया है नए सिरे से नई शर्तों के साथ टेंडर जारी करें जिससे कि इसमें चीनी कंपनियां भाग ना ले पाएं। निजी मोबाइल कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने यहां उपयोग में लाए जा रहे हैं चीनी उपकरणों को तत्काल प्रभाव से हटाएं और आगे से उनका उपयोग ना करें।
सरकारी टेलीकाम कंपनियों के बाद रेलवे ने भी चीन की एक कंपनी का ठेका रद्द कर दिया है। रेलवे के डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर कारपोरेशन लिमिटेड (डीएफसी) ने चीन की कंपनी बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एवं डिजाइन इंस्टीट्यूट एवं कम्युनिकेशन ग्रुप कंपनी लि. का ठेका रद्द कर दिया है। इसके पीछे काम में देरी का हवाला दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार डीएफसी ने ईस्टर्न फ्रेट कारिडोर की निर्माणाधीन परियोजना में चीन की इस कंपनी को कानपुर से पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच सिग्नल और टेलीकम्युनिकेशन का काम दिया था। कुल 417 किमी. का यह काम 471 करोड़ रुपए में जून 2016 में दिया गया था। लेकिन चार वर्ष की अवधि में कंपनी का काम संतोषजनक नहीं रहा है। यह कंपनी ठेके के अनुबंध के तहत तकनीकी दस्तावेजों को देने में आनाकानी कर रही थी। स्थानीय स्तर पर काम कर रही एजेंसियों से भी कंपनी का तालमेल ठीक नहीं है। इस कंपनी के ढीले ढाले रवैए को देखते हुए इसके काम को रद्द करने का फैसला किया गया है। डीएफसी का ठेका रद्द होने के बाद रेलवे अपने कारखानों एवं अन्य इकाइयों में चीन की कंपनियों के काम और उनके उपकरणों की समीक्षा में लगा हुआ है।

चाइनीज उत्पादों का विज्ञापन न करने की अपील
देशभर के व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बृहस्पतिवार को सिनेमा और खेल की बड़ी हस्तियों को एक पत्र जारी कर चाइनीज उत्पादों का विज्ञापन बंद करने का आग्रह किया है। वहीं दूसरी ओर कैट ने अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, शिल्पा शेट्टी, माधुरी दीक्षित, महेंद्र सिंह धोनी, सचिन तेंदुलकर और अन्य लोगों से चाइनीज सामान के बहिष्कार के अपने राष्ट्रीय आंदोलन ‘भारतीय सम्मान-हमारा अभिमान’ के तहत चीनी उत्पादों के बहिष्कार में शामिल होने का न्योता दिया है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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