MSME को दी गई नकदी 1 दिन में ही 1 हजार करोड़ रुपये बढ़ी

Last Updated 16 Jun 2020 05:22:19 PM IST

केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र की नकदी संबंधी चिंताओं से उसकी आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत प्राथमिकता के आधार पर निपटा जाए।


सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) ने 12 जून 2020 तक 100 प्रतिशत आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत 32,049.86 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी है, जिसमें से 16,031.39 करोड़ रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं।

इसमें पिछले दिन (11 जून) से काफी बड़ा उछाल देखने को मिला, जब ऋण की मंजूरी का आंकड़ा 29,490 करोड़ रुपये था और वितरण किए जाने का आंकड़ा 14,690 करोड़ रुपये था। इसका अर्थ है कि केवल एक दिन में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 1,300 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरित किया।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा, "12 जून 2020 तक पीएसबी ने 100 प्रतिशत आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत 32,049.86 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए हैं, जिसमें से 16,031.39 करोड़ रुपये पहले ही वितरित किए जा चुके हैं।"

ईसीएलजीएस योजना वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पिछले महीने घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत मिशन पैकेज का सबसे बड़ा वित्तीय घटक है।

वित्त मंत्रालय ने नियमित रूप से बैंकों के साथ बैठकें की हैं। ये बैठकें यह सुनिश्चित करने के लिए की गईं कि यह योजना वर्तमान कठिन अवधि के दौरान एमएसएमई क्षेत्र को पर्याप्त नकदी देने का अपना लक्ष्य हासिल कर रही है या नहीं।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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