जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में छोटे करदाताओं को राहत
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने कोरोना काल में छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए बीते महीने फरवरी, मार्च और अप्रैल का जीएसटी रिटर्न यानी जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल करने पर लगने वाले ब्याज की दर को घटाकर नौ फीसदी कर दिया है।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद |
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 40वीं बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पांच करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले छोटे करदाताओं द्वारा फरवरी, मार्च और अप्रैल महीने का जीएसटी रिटर्न अगर 30 सितंबर, 2020 तक दाखिल किया जाता है तो उस पर ब्याज की दर 18 फीसदी की जगह अब नौ फीसदी होगी।
वित्तमंत्री ने कहा कि अगर मई, जून और जुलाई महीने का रिटर्न 30 सितंबर, 2020 तक दाखिल किया जाएगा तो उस पर कोई विलंब शुल्क व ब्याज नहीं लगेगा।
जीएसटी परिषद ने जुलाई 2017 से लेकर जनवरी 2020 तक जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले उन करदाताआं के लिए कोई विलंब शुल्क नहीं रखा है, जिनके पास कर का भुगतान करने का कोई दायित्व है। जबकि कर दायित्व वाले करदाताओं के लिए इस अवधि के लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए अधिकतम विलंब शुल्क 500 रुपये तय किया गया है। अगर किसी कंपनी के पास कर की कोई देनदारी नहीं है और उसने एक जुलाई, 2017 के बाद रिटर्न नहीं दाखिल किया तो उसे कोई विलंब शुल्क नहीं देना होगा। लेकिन अगर कर की देनदारी है तो हर रिटर्न पर अधिकतम 500 रुपये मासिक विलंब शुल्क चुकाना पड़ेगा।
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