कोरोना काल में घटी दूध की मांग, फल-सब्जी की बिक्री बढ़ी

Last Updated 02 Jun 2020 05:49:46 PM IST

कोरोना काल में मदर डेयरी के दूध की मांग घट गई है, लेकिन मदर डेयरी के सफल की सब्जी व फल की बिक्री फरवरी के मुकाबले मई में करीब 69 फीसदी बढ़ गई।


मदर डेयरी के प्रबंध निदेशक संग्राम चौधरी कहते हैं कि कोरोना काल में दिल्लीवासियों को मदर डेयरी के फल व सब्जी डिवीजन सफल का सहारा मिला।

संग्राम चौधरी ने बताया कि होरेका सेगमेंट यानी होटल- रेस्तरां और कैंटीन की मांग नहीं होने के कारण आइस्क्रीम की बिक्री 60 फीसदी घट गई है और ठंडी लस्सी, फ्लेवर्ड मिल्क जैसे उत्पादों की मांग कम होने से दूध की खपत अभी भी 10 फीसदी कम है जबकि सफल की सब्जी व फल की बिक्री में जोरदार इजाफा हुआ है।

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड यानी एनडीडीबी के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी मदर डेयरी फ्रूटस एंव वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी संग्राम चौधरी ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि दिल्ली-एनसीआर में मदर डेयरी के बूथ फैले हुए हैं जिनके माध्यम से लोगों को लॉकडाउन के दौरान निरंतर दूध, फल, सब्जी व अन्य डेयरी उत्पाद मुहैया करवाए गए। उन्होंने कहा कि राजधानी के लोगों को जहां सफल का सहारा मिला वहीं सफल को उपभोक्ताओं का साथ मिला जिससे उसकी बिक्री इस दौरान काफी बढ़ गई।

कोरोनावायस के प्रकोप पर लगाम कसने के मददेनजर भारत सरकार की ओर से देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद जब पूरी परिवहन व्यवस्था, कल-कारखानों का चक्का जाम हो गया था तब मदर डेयरी के संयंत्र में दिन-रात काम चल रहा था और दूध, सब्जी व फलों से भरे वाहन पूरी रफ्तार के साथ बेरोक-टोक सड़कों पर दौड़ रहे थे।

चौधरी ने कहा कि मदर डेयरी पर पूरी सप्लाई चेन को दुरूस्त बनाए रखने की चुनौती थी, जिसमें किसानों से दूध खरीद से लेकर कलेक्शन सेंटर, फ्रीजिंग सेंटर, परिवहन, प्रोसेसिंग प्लांट और बिक्री केंद्र तक को सैनिटाइज और सेंसिटाइज करना एक बड़ी चुनौती थी। मतलब पूरी सप्लाई चेन में हाईजीन बनाए रखना, इस पूरी चेन में काम करने वाले कर्मियों की सेहत की नियमित जांच करना और उन्हें जागरूक करने की चुनौती थी। उन्होंने कहा, "यह चुनौती आज भी है और इसके प्रति मदर डेयरी काफी गंभीरता से काम कर रहा है क्योंकि हमारा दूध 2000 किलोमीटर दूर से भी आता है।"

उन्होंने बताया कि तिरूपति से दिल्ली आने वाली मिल्क स्पेशल ट्रेन से मदर डेयरी का दूध आता है जिसमें एक टैंकर में 42000 लीटर दूध रहता है। तिरूपति से मिल्क स्पेशल ट्रेन सप्ताह में दो दिन दिल्ली आती है। कोरोना काल में ही रेलवे ने यह ट्रेन चलाई है।

किसानों से दूध की खरीद में आ रही दिक्कतों को लेकर पूछे गए सवाल पर मदर डेयरी के एमडी ने कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद शुरुआत में थोड़ी कठिनाई जरूर आई लेकिन अब दूध का प्रोक्योरमेंट यानी खरीद में तकरीबन 20 फीसदी का इजाफा हो गया है।

उन्होंने कहा कि दूध की बिक्री अभी भी कम है, लेकिन आगे आठ जून से होटल, रेस्तरां और कैंटीन के खुलने के बाद दूध, आइस्क्रीम समेत मदर डेयरी के तमाम उत्पादों की मांग बढ़ने की उम्मीद है।

को.ऑपरेटिव डेयरी सेक्टर में 35 साल का अनुभव रखने वाले संग्राम चौधरी ने बताया कि लॉकडाउन के आरंभिक चरण में दूध की बिक्री 20 फीसदी तक घट गई थी लेकिन बाद में सुधार आया हालांकि अभी भी पहले के मुकाबले 10 फीसदी कम है।

खरीद ज्यादा होने और बिक्री कम होने से दूध का जो सरप्लस स्टॉक होता है उसका इस्तेमाल करने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि सरप्लस स्टॉक का इस्तेमाल मिल्क पॉउडर और बटर बनाने में किया जा रहा है।

मदर डेयरी फ्रूटस एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड का टर्नओवर बीते वित्त वर्ष 2019-20 में 10,500 करोड़ रुपए था, लेकिन कोरोना संकट के कारण आइस्क्रीम की बिक्री 60 फीसदी घट जाने और दूध की बिक्री भी घटने के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कारोबारी वृद्धि दर कम करने की आशंका है।

चौधरी ने कहा कि पहली तिमाही में कारोबार में 7.8 फीसदी गिरावट रह सकती है, लेकिन आगे होरेका सेगमेंट की मांग खुलने पर मदर डेयरी का कारोबार बेहतर रहेगा। उन्होंने कहा कि होरेका सेगमेंट की मांग करीब 15.20 फीसदी रहती है।

मदर डेयरी के सफल की सब्जी व फलों की बिक्री फरवरी में जहां 160 टन रोजाना थी वहीं मार्च में 200 टन और अप्रैल में 230 टन जबकि मई में बढ़कर 270 टन हो गई। इस प्रकार, सफल की बिक्री फरवरी के मुकाबले लॉकडाउन के दौरान मई में 68.75 फीसदी बढ़ गई।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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