उद्योगों को फिर शुरू करने के लिए नई गाइडलाइन्स जारी, सुनिश्चित करने होंगे सुरक्षा उपाय
लॉकडाउन खत्म होने के बाद उद्योगों के शुरू होने को लेकर सरकार ने रविवार को नई गाइडलाइन जारी की है। गृह मंत्रालय के मुताबिक, किसी भी यूनिट में काम शुरू होने के पहले हफ्ते को ट्रायल या टेस्ट रन माना जाए।
उद्योगों को फिर शुरू करने के लिए नई गाइडलाइन्स जारी |
कारखानों में सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित किया जाए। किसी भी रूप में ज्यादा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित न करें।
फैक्टरी परिसर में 24 घंटे सैनिटाइजेशन सुनिश्चित करें : फैक्टरी को हर दिन दो से तीन घंटे के अंतराल पर सैनिटाइज करें। खासकर कॉमन एरिया को। इनमें लंच रूम्स और कॉमन टेबल्स शामिल हैं। इन्हें हर व्यक्ति के इस्तेमाल के बाद डिसइनफेक्टेड और साफ किया जाए। रहने की जगह के लिए संकमण को रोकने के लिए नियमित रूप से रहने वाली जगह का सैनिटाइजेशन किया जाना जरूरी है।
सभी कर्मचारियों का हेल्थ चेकअप जरूरी : सभी कर्मचारियों का दिन में दो बार हेल्थ चेकअप होना चाहिए। वर्कर्स को अगर लक्षण हैं तो उन्हें काम पर नहीं आना चाहिए।
हैंड सैनिटाइजर और मास्क का प्रावधान : सभी फैक्ट्रीज और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में ग्लब्स, मास्क और हैंड सैनिटाइजर उपलब्ध कराया जाए।
कोरोना रोकथाम के बारे में जानकारी : फैक्टरी के एंट्री से एग्जिट तक सुरक्षा कदमों के बारे में जानकारी दी जाए। व्यक्तिगत स्तर पर भी एहतियातन कदम उठाए जाएं।
सामान की सप्लाई और स्टोरेज के लिए सावधानी : फैक्टरी परिसर में आने वाले सभी बॉक्स और अन्य सामानों सैनिटाइजेशन जरूरी है।
फिजिकल डिस्टेंसिंग जरूरी : फैक्टरी या यूनिटें में डाइनिंग हॉल और वर्क फ्लोर फिजिकल डिस्टेंसिंग जरूरी है।
वर्किंग शिफ्ट : 24 घंटे काम करने वाली यूनिट और फैक्टरी में शिफ्ट के बीच में एक घंटे का गैप जरूरी है। उन फैक्ट्रीज, प्लांट्स को छोड़कर जहां लगातार काम करना अनिवार्य है। सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक, प्रबंधन और एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ को एक शिफ्ट में 33% क्षमता के साथ काम करना चाहिए। काम के दौरान टूल्स और वर्कस्टेशन कोई साझा न करे। जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त टूल्स मुहैया कराएं जाएं।
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