कोरोना संकट में 39 करोड़ लोगों को मिली 35 हजार करोड़ रुपये की मदद
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से लगभग 39 करोड़ लाभार्थियों को नकद सहायता दी गई है और अब तक इसके लिए 34,800 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
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देश को कोरोना महामारी के बाद पनपे संकट से उबारने के लिए सरकार जरूरतमंदों तक राहत पहुंचाने की कोशिश कर रही है।
सरकार ने कोविड-19 के बाद लागू किए गए राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान गरीबों की मदद के लिए इस पैकेज की घोषणा की है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को 1.70 लाख करोड़ रुपए के इस पैकेज की घोषणा की थी। इसके तहत सरकार ने गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न के साथ महिलाओं, बुजुर्गों और किसानों को नकद भुगतान देने की घोषणा की थी।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पैकेज बांटने की केंद्र और राज्य सरकारें नियमित निगरानी कर रही हैं। बयान के मुताबिक, संबंधित मंत्रालय, केंद्रीय सचिवालय और प्रधानमंत्री कार्यालय जरूरतमंदों तक मदद पहुंचना सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) के तहत 8.19 करोड़ लाभार्थियों को पांच मई, 2020 तक पहली किस्त के तौर पर कुल 16,394 करोड़ रुपये भेजे गए हैं। इनके खातों में सीधे 2,000 रुपये डाले गए हैं।
इसी तरह 20.05 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों के खातों में 500 रुपये की पहली किस्त के तौर पर 10,025 करोड़ रुपये भेजे गए। इसमें से करीब 8.72 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों ने खातों से निकासी भी की। वहीं, 5.57 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों के खाते में दूसरी किस्त के तौर पर कुल 2,785 करोड़ रुपये भेजे गए।
इसके अलावा राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के तहत 2.82 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगों को 1,400 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई। इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को पहली किस्त के रूप में 500 रुपये की अनुग्रह राशि दी गई है।
वहीं 500 रुपये की दूसरी किस्त इस महीने के दौरान खाते में पहुंचा दी जाएगी।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अप्रैल के लिए 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 67.65 लाख टन खाद्यान्न उठाया है। इनके 60.33 करोड़ लाभार्थियों को अप्रैल के लिए 16 लाख टन खाद्यान्न का वितरण किया गया। इसके अलावा मई 2020 के लिए 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 12.39 करोड़ लोगों को छह लाख टन खाद्यान्न वितरित किया जा चुका है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत श्रमिकों की बढ़ी मजदूरी को एक अप्रैल से प्रभावी बना दिया गया है।
चालू वित्त वर्ष में 5.97 करोड़ मानव श्रमदिवस सृजित किए गए। इसके तहत सामग्री और मजदूरी के भुगतान के लिए राज्यों को 21,032 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
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