एक अप्रैल से छह बैंक इतिहास के पन्नों में हो जाएंगे दर्ज, देश में बचेंगे केवल 12 सरकारी बैंक

Last Updated 01 Apr 2020 10:36:28 AM IST

अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने में मदद करने और वैश्विक स्तर तक बड़े बैंक बनाने के उद्देश्य से सार्वजनिक क्षेत्र के १० बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने के एक अप्रैल से प्रभावी होने के साथ ही छह सरकारी बैंक इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएंगे।




एक अप्रैल से जो बैंक इतिहास में दर्ज हो जाएंगे उनमें इलाहाबाद बैंक‚ कार्पोरेशन बैंक‚ आंध्रा बैंक‚ सिंडिकेट बैंक‚ ओरियंटल बैंक ऑफ कामर्स और यूनाइटेड इंडिया बैंक शामिल है। इस विलय के बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह गई है।

बैंकों के विलय को लेकर रिजर्व बैंक भी अधिसूचना जारी कर चुका है। इसके तहत इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में और कार्पोरेशन बैंक एवं आंध्रा बैंक का यूनियन बैंक आफ इंडिया में एक अप्रैल से विलय हो जाएगा। एक अप्रैल से इलाहाबाद बैंक की शाखाएं इंडियन बैंक की शाखाओं के रूप में काम करेंगी।

इसी तरह से कार्पोरेशन बैंक और आंध्रा बैंक की शाखाएं भी यूनियन बैंक की शाखाओं के तौर पर काम करेंगी।

यूनाइटेड इंडिया बैंक तथा ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की शाखाएं पंजाब नेशनल बैंक की शाखाओं के रूप में काम करेंगी जबकि सिंडिकेट बैंक की शाखाएं केनरा बैंक की हो जाएंगी। इस तरह से देश में १० बैंकों का विलय प्रभावी हो जाएगा।

विलय के बाद पीएनबी देश का दूसरा बड़ा बैंक बन जायेगा। भारतीय स्टेट बैंक सबसे बड़ा बैंक है। तीसरे नंबर पर बैंक ऑफ बड़ौदा आयेगा। केनरा बैंक चौथा बड़ा बैंक होगा जबकि यूनियन बैंक पांचवा बड़ा बैंक बन जायेगा। इलहाबाद बैंक के विलय से इंडियन बैंक देश का सातवां बड़ा बैंक होगा।

किन बैंकों का हुआ विलय: जिन बैंकों का विलय हुआ है उनमें इलाहाबाद बैंक‚ कार्पोरेशन बैंक‚ आंध्रा बैंक‚ सिंडिकेट बैंक‚ ओरियंटल बैंक और यूनाइटेड इंडिया बैंक शामिल हैं

वार्ता
नई दिल्ली


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