AGR मामला : एयरटेल ने चुकाए 10000 करोड़, वोडाफोन का सुप्रीम कोर्ट ने प्रस्ताव ठुकराया
भारती एयरटेल ने सोमवार को दूरसंचार विभाग को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू के 10,000 करोड़ रुपये बकाये का भुगतान कर दिया है जबकि वोडाफोन का बकाया चुकाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
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एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार और सरकार के समयसीमा में ढील ना देने के बाद भारती एयरटेल ने सोमवार को दूरसंचार विभाग को 10,000 करोड़ रुपये के सांविधिक बकाये का भुगतान कर दिया।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह बाकी की राशि का भुगतान भी स्वआकलन के बाद कर देगी। बयान में कहा गया है, ‘‘ भारती एयरटेल, भारती हेक्साकॉम और टेलीनॉर की तरफ से कुल 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।’’
कंपनी ने कहा, ‘‘हम शीघ्रता के साथ स्वआकलन की प्रक्रिया में हैं और सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई से पहले हम इस प्रक्रिया को पूरा करके बचे बकाया का भी भुगतान करेंगे।’’
एयरटेल ने कहा कि बचे हुए बकाया का भुगतान करने के वक्त वह इससे जुड़ी और जानकारी भी देगी।
उल्लेखनीय है कि एजीआर मामले में कोर्ट के कड़े रुख के बाद दूरसंचार विभाग ने 14 फरवरी से भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी दूरसंचार कंपनियों को जल्द से जल्द अपना पिछला सांविधिक बकाया चुकाने के आदेश जारी करने शुरू कर दिए।
भारती एयरटेल को लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क समेत सरकार को कुल 35,586 करोड़ रुपये का सांविधिक बकाया देना है।
एयरटेल ने विभाग के आदेश पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि वह कुल बकाये में से 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान 20 फरवरी तक और बाकी बची राशि 17 मार्च तक कर देगी।
सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराया वोडाफोन का AGR बकाया चुकाने का प्रस्ताव
एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन का सोमवार को 2,500 करोड़ रुपये और शुक्रवार तक 1,000 करोड़ रुपये का सांविधिक बकाया चुकाने का प्रस्ताव ठुकरा दिया। इसके अलावा कोर्ट ने कंपनी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं किए जाने से उसे राहत भी नहीं दी।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने वोडाफोन की ओर से पेश हुए अधिवक्ता मुकुल रोहतगी द्वारा सौंपे गए प्रस्ताव को स्वीकार करने से मना कर दिया।
रोहतगी ने कहा कि कंपनी ने उसके ऊपर एजीआर के सांविधिक बकाए में से सोमवार को 2,500 करोड़ रुपये तथा शुक्रवार तक 1,000 करोड़ रुपये और चुकाने का प्रस्ताव न्यायालय के समक्ष रखा था। साथ ही कंपनी ने अनुरोध किया कि उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई ना की जाए।
वोडाफोन आइडिया पर अनुमानित 53 हजार करोड़ रुपये का सांविधिक बकाया है।
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