कॉल-डेटा की दरों में गिरावट का दौर खत्म; वोडा-आइडिया,एयरटेल, जियो ने सेवाएं कीं महंगी

Last Updated 02 Dec 2019 11:30:22 AM IST

दूरसंचार क्षेत्र में टैरिफ युद्ध के साथ ही सरकारी शुल्कों के बकाये भुगतान के कारण बने आर्थिक दबाव के कारण टेलीकॉम ऑपरेटरों ने अपनी मोबाइल सेवाओं की दरें बढ़ाने की रविवार को घोषणा की है।


वोडाफोन आइडिया, एयरटेल और जियो के उपभोक्ताओं की जेबों पर अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है। दोनों पुरानी दूरसंचार कंपनियों ने प्रीपेड मोबाइल सेवाओं की दरें तीन दिसंबर से 50 प्रतिशत तक बढाने की रविवार को घोषणा की, जो करीब चार साल में पहली वृद्धि है। वहीं , रिलायंस जियो ने 6 दिसंबर से दरों में 40 प्रतिशत की वृद्धि की है।       

दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने दिसंबर के शुरू में दरें बढाने की घोषणा पहले ही कर रखी थी। वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल ने रविवार को अलग-अलग बयान जारी कर अपने विभिन्न प्लान की बढी दरों की विस्तृत जानकारी दी जबकि जियो ने अभी इसका ब्योरा नहीं दिया है।       

वोडाफोन आइडिया ने सिर्फ अनलिमिटेड डेटा एवं कॉलिंग की सुविधा वाले प्रीपेड प्लान की दरें बढायी हैं।       

वोडा-आइडिया ने दूसरे नेटवर्क पर की जाने वाली कॉल के लिए प्रति मिनट 6 पैसे का शुल्क लगाने की भी घोषणा की है। एयरटेल ने सीमित डेटा एवं कॉलिंग वाले प्लान के शुल्कों में भी संशोधन किया है।     

वहीं, रिलायंस जियो ने एक बयान में कहा कि वह उपभोक्ता - प्रथम के अपने सिद्धांतों पर टिकी हुई है। कंपनी ने दावा किया है कि वह इस कारण शुल्क 40 प्रतिशत तक बढाने के साथ 300 प्रतिशत तक अधिक फायदे भी देगी। जियो ने वोडाफोन आइडिया और एयरटेल के द्वारा बढी दरों की घोषणा के बाद बयान जारी किया।       

निजी क्षेत्र की इन तीन प्रमुख दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों ने शुल्क में वृद्धि ऐसे समय की है जब दूरसंचार क्षेत्र पर वित्तीय संकट मंडरा रहा है। मोबाइल कंपनियों के संगठन सीओएआई तथा दो प्रमुख उद्योग मंडल सीआईआई एवं फिक्की ने इस क्षेत्र को डूबने से बचाने के लिए सरकार को लिखा है।         

वोडाफोन आइडिया की विज्ञप्ति के मुताबिक , उसने सर्वाधिक 41.2 प्रतिशत की वृद्धि सालाना प्लान में की है। उसके इस प्लान की दर 1,699 रुपये से बढकर 2,399 रुपये हो गयी है।        

इसी तरह रोजाना डेढ जीबी डेटा की पेशकश के साथ 84 दिन की वैधता वाले प्लान की दर 458 रुपये से 31 प्रतिशत बढा कर 599 रुपये कर दी गयी है। कंपनी का 199 रुपये वाला प्लान अब 249 रुपये का हो जाएगा। कंपनी ने इसके साथ ही अन्य नेटवर्क पर आउटगोइंग कॉल करने पर छह पैसे प्रति मिनट की दर से शुल्क लगाने की भी घोषणा की है।       

एयरटेल ने सालाना प्लान को 41.14 प्रतिशत बढा कर 1,699 रुपये की जगह 2,398 रुपये का कर दिया है।   कंपनी का सीमित डेटा वाला सालाना प्लान अब 998 रुपये की जगह तीन तारीख से 1,498 रुपये का हो जाएगा। इस प्लान की दर में यह 50.10 प्रतिशत की वृद्धि है।       

इसी तरह एयरटेल ने 82 दिन की वैधता के साथ असीमित डेटा वाले प्लान को 499 रुपये से 39.87 प्रतिशत बढाकर 698 रुपये और सीमित डेटा कर दिया है।       

कंपनी की 82 दिन की वैधता वाले प्लान की दर 33.48 प्रतिशत महंगी हो गयी है। इसकी दर अब 448 रुपये से बढाकर 598 रुपये कर दी गयी है। इन दोनों प्लान की वैधता अब 82 दिन की जगह 84 दिन होगी।       

कंपनी ने 28 दिन की वैधता वाले विभिन्न प्लान की दरों में 14 रुपये से लेकर 79 रुपये तक की वृद्धि की है।       

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर केंद्र की बात को सही करार देते हुए कंपनियों को आदेश दिया है कि वे उसके आधार पर सरकार को पुराना सांविधिक बकाया चुकाएं जो करीब 1.47 लाख करोड़ बनता है।      

न्यायालय ने 24 अक्टूबर 2019 को दूरसंचार राजस्व आकलन के सरकार के तरीके को सही माना। इसके तहत लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्कों की गणना की जाती है।    

इस आदेश के तहत शुरूआती अनुमान के अनुसार एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अन्य दूरसंचार परिचालकों को सरकार को तीन महीने के भीतर 1.33 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ सकता है। सरकार ने कंपनियों को राहत देते हुए स्पेक्ट्रम की किस्तों के भुगतान के लिए दो साल (2020-21 तथा 2021-2022) की मोहलत दे दी है।       

समझा जाता है कि इससे उन्हें 42,000 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी।

 

भाषा
नई दिल्ली


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