पीएसयू और बीमा के विलय की दिशा में बढ़ेंगे आगे : वित्तमंत्री

Last Updated 17 Nov 2019 04:36:12 PM IST

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बीते बजट के दौरान सरकार द्वारा घोषित की गई तीन सरकारी सामान्य बीमा कंपनियों के विलय की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है।


केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन सामान्य बीमा कंपनियों के विलय पर बजट की घोषणा को लेकर मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "यह घोषणा बजट के दौरान की गई थी, और इस दिशा में मैं आगे बढ़ रही हूं।"

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, विलय होने वाली प्रस्तावित कंपनियां- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और ओरिएंटल इंश्योरेंस लिमिटेड हैं। ये कंपनियां अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण आगे बढ़ने में अक्षम हैं, इसलिए इनके विलय का फैसला लिया गया।

अधिकारी ने बताया, "कमजोर आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए इन पीएसयू ने सरकार से आर्थिक मदद मांगी थी। उनकी वर्तमान बैलेंस शीट के अनुसार, उन्हें तत्काल पुर्नपूजीकरण की जरूरत है।"

पीएसयू और बीमा के विलय की दिशा में बढ़ेंगे आगे : वित्तमंत्री
नई दिल्ली आईएएनएस
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बीते बजट के दौरान सरकार द्वारा घोषित की गई तीन सरकारी सामान्य बीमा कंपनियों के विलय की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है।

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन सामान्य बीमा कंपनियों के विलय पर बजट की घोषणा को लेकर मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "यह घोषणा बजट के दौरान की गई थी, और इस दिशा में मैं आगे बढ़ रही हूं।"

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, विलय होने वाली प्रस्तावित कंपनियां- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और ओरिएंटल इंश्योरेंस लिमिटेड हैं। ये कंपनियां अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण आगे बढ़ने में अक्षम हैं, इसलिए इनके विलय का फैसला लिया गया।

अधिकारी ने बताया, "कमजोर आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए इन पीएसयू ने सरकार से आर्थिक मदद मांगी थी। उनकी वर्तमान बैलेंस शीट के अनुसार, उन्हें तत्काल पुर्नपूजीकरण की जरूरत है।"

सूत्रों ने बताया, हालांकि 2019-20 के बजट में बीमा कंपनियों के लिए वित्तीय मदद का कोई प्रावधान नहीं किया गया था, इसलिए वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) को इस काम के लिए 12,000 करोड़ रुपये की अनुपूरक वित्तीय सहायता लेनी होगी।



सूत्रों ने बताया, हालांकि 2019-20 के बजट में बीमा कंपनियों के लिए वित्तीय मदद का कोई प्रावधान नहीं किया गया था, इसलिए वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) को इस काम के लिए 12,000 करोड़ रुपये की अनुपूरक वित्तीय सहायता लेनी होगी।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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