दूरसंचार कंपनियां सरकार को दे बकाया 90 हजार करोड़ : सुप्रीम कोर्ट

Last Updated 24 Oct 2019 08:34:08 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया सहित दूरसंचार कंपनियों को सरकार की बकाया राशि 92,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है। इस राशि में जुर्माना और ब्याज भी शामिल हैं।


सुप्रीम कोर्ट

समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के दायरे में शीर्ष अदालत द्वारा सुनाया गया दूरसंचार कंपनियों को सरकार की बकाया राशि 92,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने का यह एक महत्वपूर्ण फैसला है।

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों को बकाया चुकाना होगा। दूरसंचार विभाग (डीओटी) की कुल मांग लगभग 92,000 करोड़ रुपये है।

दूरसंचार कंपनियों की ओर से उनके वकीलों ने बकाया राशि लौटाने के लिए छह महीने का समय मांगा है।

इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि उचित समय सीमा ही दी जाए।

शीर्ष अदालत दूरसंचार कंपनियों को निर्धारित समय सीमा के अंदर उनके बकाये का भुगतान करने के लिए एक अलग आदेश भी जारी करेगी।

इस मामले में शीर्ष अदालत ने अगस्त में आदेश सुरक्षित रखा था।

दूरसंचार विभाग के अनुसार, एजीआर में लाभांश, हैंडसेट की बिक्री, किराया और बिक्री से हुआ मुनाफा आदि शामिल होना चाहिए।

शीर्ष अदालत ने कहा कि ज्यादातर चीजें सरकार के एजीआर निर्धारण के तहत आएंगी और टेलीकॉम कंपनियों को भुगतान करना होगा।

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि एजीआर एक या दो को छोड़कर अधिकांश राजस्व के दायरे में शामिल होगा। नतीजतन एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया और अन्य टेलीकॉम ऑपरेटरों को इस फैसले के बाद हजारों करोड़ रुपये अदा करने होंगे।



दूरसंचार विभाग के अनुसार, सरकार को लाइसेंस शुल्क के रूप में देने के लिए प्रमुख दूरसंचार कंपनियों में भारती एयरटेल पर 21,682.13 करोड़ रुपये जबकि वोडाफोन आइडिया पर 19,822.71 करोड़ रुपये का बकाया है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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