सरकार ने ईएसआई अंशदान घटाया
केंद्र सरकार ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआई) के स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम में नियोक्ता एवं कर्मचारियों के कुल अंशदान को 6.5 फीसद से घटाकर चार फीसद करने का फैसला किया है।
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इससे 12.85 लाख नियोक्ताओं को हर साल 5,000 करोड़ रुपए की बचत होगी। साथ ही 3.6 करोड़ कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
श्रम मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक घटी हुई दरें इस साल एक जुलाई से प्रभावी होंगी। मंत्रालय ने विज्ञप्ति में कहा कि सरकार ने ईएसआई कानून के अंतर्गत एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अंशदान की दर 6.5 फीसद से घटाकर चार फीसद कर दिया है।
नियोक्ता का अंशदान 4.75 फीसद से घटाकर 3.25 फीसद और कर्मचारी का अंशदान 1.75 फीसद से घटाकर 0.75 फीसद कर दिया गया है। करीब 12.85 लाख नियोक्ताओं और 3.6 करोड़ कर्मचारियों ने वित्त वर्ष 2018-19 में ईएसआई योजना में 22,279 करोड़ रुपए का अंशदान किया।
ऐसे में आकलन किया जाए तो यह बात निकलकर समझ में आती है कि अंशदान की दर में कमी से इन कंपनियों को सालाना कम से कम 5,000 करोड़ रुपए की बचत होगी। बयान के अनुसार अंशदान की घटी हुई दर से कामगारों को बहुत राहत मिलेगी तथा इससे और अधिक कामगारों को ईएसआई योजना के अंतर्गत नामांकित कर पाना तथा ज्यादा से ज्यादा श्रमिक बल को औपचारिक क्षेत्र के अंतर्गत लाना सुगम हो सकेगा।
कर्मचारी राज्य बीमा कानून, 1948 (ईएसआई कानून) इस कानून के अंतर्गत बीमित व्यक्तियों को चिकित्सा, नकदी, मातृत्व, निशक्तता और आश्रित होने के लाभ प्रदान करता है। ईएसआई कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) द्वारा प्रशासित है। ईएसआई कानून के अंतर्गत उपलब्ध कराए जाने वाले लाभ नियोक्ताओं और कर्मचारियों द्वारा किए गए अंशदान के माध्यम से वित्त पोषित होते हैं। अब 21,000 रुपए तक के वेतन वाले कर्मचारी ईएसआई के दायरे में आते हैं।
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