आर्थिक सुस्ती व बेरोजगारी से निपटने के लिए गठित की अलग-अलग दो कैबिनेट कमेटियां
देश की आर्थिक विकास दर गिरने और रोजगार में कमी होने से चिंतित प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने अपनी अध्यक्षता में दो कैबिनेट कमेटियों का गठन किया है।
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने अपनी अध्यक्षता में दो कैबिनेट कमेटियों का गठन किया |
एक पांच सदस्यीय कमेटी आर्थिक मोर्चे का अध्ययन करेगी और दूसरी 10 सदस्यीय कमेटी रोजगार और कौशल विकास का अध्ययन कर रिपोर्ट पेश करेगी। ये दोनों कमेटियां आर्थिक विकास को गति देने, निवेश का माहौल बेहतर करने के साथ रोजगार के अवसर बढ़ाने के तरीके सुझाएंगी।
आर्थिक मोर्चा संबंधी कमेटी
इस कमेटी में प्रधानमंत्री के अलावा चार सदस्य हैं। निवेश और विकास पर इस समिति में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी और रेल मंत्री पीयूष गोयल शामिल हैं।
रोजगार एवं कौशल विकास कमेटी : इस कमेटी में प्रधानमंत्री के अलावा अमित शाह, सीतारमण और पीयूष गोयल के अलावा, कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखिरयाल निशंक, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, श्रम राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार एवं आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी को शामिल किया गया है।
हाल ही में सीएसओ ने आंकड़े जारी कर कहा था कि पिछले वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 5.8 प्रतिशत रह गई है। वहीं, पूरे वित्त वर्ष की विकास दर 6.8 प्रतिशत पर आ गई, जो पिछले पांच साल का निचला स्तर है। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 7.2 प्रतिशत के विकास दर का लक्ष्य रखा गया था जो 0.04% से पिछड़ गया। इन आंकड़ों के हिसाब से भारत की विकास दर चीन से नीचे आ जाएगी। इसी तरह से एनएसएसओ ने रोजगार के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि पेरयॉडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) वाषिर्क रिपोर्ट (जुलाई 2017 से जुलाई 2018) में देश में 6.1 प्रतिशत बेरोजगारी दर है।
सुरक्षा कमेटी का पुनर्गठन
सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय कमेटी का आज पुनर्गठन भी किया गया। इसमें प्रधानमंत्री के अलावा चार सदस्य हैं। इनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और डॉ एस जयशंकर के अलावा अमित शाह और निर्मला सीतारमण भी हैं। इस समिति के अध्यक्ष भी प्रधानमंत्री होंगे। सुरक्षा समिति देश की आंतरिक एवं बाहरी सुरक्षा के मामलों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल अपना सहयोग देंगे।
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