उद्योग जगत को बैंक लोन नहीं चुकाने की आदत छोड़नी होगी : जेटली

Last Updated 28 Feb 2019 04:41:03 PM IST

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शोधन एवं दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के प्रभावी होने के बाद बैंकिंग तंत्र में 2.85 लाख करोड़ रुपये वापस आने का उल्लेख करते हुये गुरुवार को कहा कि उद्योग जगत को ऋण लेकर नहीं चुकाने की आदत छोड़ देनी चाहिए क्योंकि अब ‘न्यू नॉर्मल’ काम कर रहा है।


वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)

जेटली ने भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के एक कार्यक्रम में यहाँ कहा कि लोगों को विशेषकर वित्त की दुनिया में काम करने वालों के लिए स्पष्ट संदेश दे दिया गया है कि जिनको वे ‘नॉर्मल’ मान रहे थे उससे अब हट जायें और ‘न्यू नॉर्मल’ में रहने की आदत डाल लें।

उन्होंने कहा कि पहले यह प्रथा बन गयी थी बैंकों से ऋण लो और फिर उसे चुकाये बगैर जा सकते हो। पहले यह बैंकरों की समस्या होती थी जो अब काम नहीं कर रहा है।  जब आप बैंक से ऋण लेते हैं तो आप अपनी पूँजी बनाते हैं और उसके आधार पर निवेश करते हैं। यह ‘न्यू नॉर्मल’ नहीं हो सकता है।

वित्त मंत्री ने कहा कि पाँच वर्ष में बहुत कुछ बदला है और बहुत से सुधार किये गये हैं। उन्होंने कहा कि ये सुधार बाध्यकारी और दृढनिश्चयी दोनों का मिश्रण हैं। कुछ सुधार जरूरत के अनुरूप होते हैं, लेकिन अधिकांश दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर होते हैं। मोदी सरकार ने इन दोनों को मिलाकर सुधार किये हैं। उन्होंने आईबीसी का उल्लेख करते हुये कहा कि इसकी वजह से 2.85 लाख करोड़ रुपये बैंकिंग तां में आये हैं।

वार्ता
नई दिल्ली


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