मोबाइल कॉल ड्रॉप में कमी आयी : सिन्हा

Last Updated 08 Sep 2017 05:14:57 PM IST

संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि मोबाइल कॉल ड्रॉप में कमी आयी है और दूरसंचार विभाग द्वारा इसकी निगरानी के लिए शुरू की गयी आईवीआरएस सेवा से ऐसे ब्लैक स्पॉट का पता लगाने में मदद मिली है जहां कॉल ड्रॉप की समस्या अधिक है.


संचार मंत्री मनोज सिन्हा (फाइल फोटो)

सिन्हा ने यूएनआई मुख्यालय में वरिष्ठ पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दूरसंचार नियामक ट्राई की हालिया रिपोर्ट में कॉल ड्रॉप में गिरावट की बात कही गयी है. उन्होंने कहा कि कॉल ड्रॉप से निपटने के लिए टेलीकॉम टावर लगाने की जरूरत है ताकि बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके. लेकिन, कुछ भ्रांतियों के कारण शहरों, विशेष रूप से महानगरों, में टावर लगाना मुश्किल हो रहा है. यहाँ तक कि राजधानी के एक प्रमुख गार्डन में प्रबुद्ध लोगों ने टावर लगाने का विरोध किया जिसके कारण वहां टावर नहीं लग सका.

उन्होंने बताया कि इस सब के बावजूद पिछले वर्ष जुलाई से इस वर्ष अप्रैल तक देश भर में 3.49 लाख नये टावर लगाये गये हैं.        

संचार मंत्री ने कहा कि यह सिर्फ एक भ्रांति है कि टेलीकॉम टावर विकिरण फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि मोबाइल टावर के विकिरण से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस संबंध में 25 हजार से अधिक अध्ययन किये हैं और किसी भी अध्ययन में इनसे विकिरण के विपरीत प्रभाव का पता नहीं चला है. कुछ न्यायालयों में भी यह मामला गया है और वहां से भी इस पर रोक नहीं लगायी गयी है.

सिन्हा ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने इस संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाया है और मई माह में तरंग संचार पोर्टल शुरू किया गया है जिससे कोई भी उपभोक्ता अपने क्षेत्र में टावर से होने वाले विकिरण की स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है. इसके साथ ही यदि कोई उपभोक्ता अपने घर में टावर के विकिरण के बारे में जानकारी हासिल करना चाहता है तो वह दूरसंचार विभाग में चार हजार रुपये का शुल्क जमा करा कर ऐसा कर सकता है. 

उन्होंने कहा कि देश में विकिरण से जुड़े नियम अन्य देशों के मुकाबले 10 गुणा कड़े हैं और मानव स्वास्थ्य पर टावरों के विकिरण को कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा.



संचार मंत्री ने कहा कि कोई सेवा प्रदाता नहीं चाहेगा कि उसकी सेवा गुणवत्ता खराब हो. राजधानी में जगह मिलने में दिक्कतों की वजह से 16 डाकघरों पर टावर लगाने की अनुमति दी गयी है. शहरी विकास मंत्रालय ने भी अपने भवनों पर टावर लगाने को मंजूरी दे दी है. छावनी क्षेत्र में भी टावरों की संख्या बढ़ाने के लिए वहां के प्रशासन से बात चल रही है.

उन्होंने कहा कि दूरसंचार नियामक ट्राई ने कॉल ड्रॉप के मामले में ऑपरेटरों पर जुर्माने में बढ़ोतरी की है और ट्राई लगातार इसकी निगरानी करता है. सिन्हा ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने कॉल ड्रॉप पर उपभोक्ताओं की राय लेने के लिए आईवीआरएस सेवा शुरू की है. इसके जरिये अब तक 67 लाख उपभोक्ताओं को कॉल किये गये हैं जिनमें से आठ लाख लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि आईवीआरएस सेवा से यह पता लगाने में भी सफलता मिली है कि ब्लैक स्पॉट कहाँ हैं और टेलीकॉम कंपनियों ने वहां स्थिति सुधारने की शुरुआत की है. इससे इस साल के अंत तक कॉल ड्रॉप में और कमी आने की उम्मीद है.

सिन्हा ने पिछले सप्ताह टेलीकॉम कंपनियों के साथ एक बैठक में कॉल ड्रॉप से निपटने के लिए किये गये उपायों की समीक्षा की थी. इस बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि कॉल ड्रॉप में पिछले वर्ष आठ प्रतिशत की कमी आयी है.

वार्ता


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