कोलगेट : ‘संपर्क’ करने पर जिंदल ग्रुप पर भड़के जज

Last Updated 02 Jun 2015 05:12:51 AM IST

कोयला घोटाला मामले में विशेष न्यायाधीश से एकाधिक बार संपर्क करने की कोशिश पर जिंदल ग्रुप पर विशेष सीबीआई जज भड़क गये.


कोलगेट : ‘संपर्क’ करने पर जिंदल ग्रुप पर भड़के जज

कोयला घोटाला मामले के आरोपी और कांग्रेस नेता नवीन जिंदल के औद्योगिक समूह से जुड़े एक व्यक्ति ने विशेष न्यायाधीश से एकाधिक बार संपर्क करने की कथित रूप से कोशिश की, जिन्होंने उसे भविष्य में ऐसी हरकत करने के खिलाफ चेतावनी दी. सोमवार को सुनवाई के दौरान जिंदल के वकील हरिहरन ने अदालत से कहा कि जिंदल समूह प्रबंधन ने इस मुद्दे का कड़ा संज्ञान लिया है. उन्होंने न्यायाधीश से वादा किया कि ऐसे आचरण की पुनरावृत्ति नहीं होगी.

उन्होंने विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पराशर से कहा कि प्रबंधन ने इसका कड़ा संज्ञान लिया है. हम कार्रवाई कर रहे हैं. मैं आपको आश्वासन देता हूं कि यह फिर बिल्कुल नहीं होगा. मुझे सुबह ही इस बात का पता चला. अदालत के सू़त्र के मुताबिक आरोपी ने न्यायाधीश से संपर्क करने की कथित रूप से कोशिश की थी. इसके बाद अदालत ने उसे चेतावनी दी थी कि यदि ऐसी चीज दोहराई गई तो वह कार्रवाई करेंगे. जिंदल रियलटी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजीव जैन और गगन स्पांज आयरन प्राइवेट लिमिटड (जीएसआईपीएल) के निदेशक गिरीश कुमार सुनेजा इस मामले में अन्य आरोपियों में शामिल हैं.

सुनवाई शुरू होने पर न्यायाधीश ने सभी आरोपियों के वकीलों से कहा कि ऐसा फिर हुआ है और वह केस रिकार्ड में उसका जिक्र करेंगे. विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पराशर ने कहा, ‘मुझे यह कहते हुए बड़ा दुख है कि इस मामले में इतने वरिष्ठ वकीलों के पेश होने पर मैंने आशा नहीं की थी ऐसा होगा.’ हालांकि उन्होंने उनसे संपर्क करने वाले आरोपी की पहचान का खुलासा नहीं किया.

इस मुद्दे पर वरिष्ठ वकील हरिहरन द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद न्यायाधीश ने कहा, ‘यह फिर हुआ. इसे फिर दोहराया गया. यदि आप चाहते हैं कि मैं इसका रिकार्ड में जिक्र करूं तो मैं करूंगा.’ उन्होंने कहा, ‘मैं इसकी उम्मीद नहीं कर रहा था. आप लोगों जैसे वरिष्ठ वकीलों के होने पर भी यदि यह आपकी जानकारी के बगैर हो रहा है तो मैं कुछ नहीं कह सकता, लेकिन इसकी उम्मीद नहीं थी.’

हरिहरन ने सफाई दी कि उन्हें घटना की जानकारी नहीं है और वह संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध प्रबंधन द्वारा की कार्रवाई से अदालत को अवगत कराएंगे. सुनवाई के दौरान अदालत ने वहां मौजूद नवीन जिंदल से कहा, ‘क्या आप वर्तमान सांसद हैं.’ इस पर जिंदल ने कहा, ‘नहीं.’ अदालत ने सीबीआई द्वारा पेश दस्तावेजों की जांच के लिए मामले की सुनवाई की अगली तारीख 30 जून रखी. सुनवाई के दौरान अदालत ने बचाव पक्ष के वकीलों से दस्तावेजों की जांच की प्रगति के बारे में पूछा. आरोपी पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता ने न्यायाधीश से कहा कि सीबीआई द्वारा उपलब्ध कराई गई दस्तोवजों की सीडी काम नहीं कर रही है.

न्यायाधीश ने जांच अधिकारी को आरोपी को उपयुक्त सीडी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के वकील ने भी कहा कि उन्हें भी सरकारी गवाहों के बयानों की प्रतियां चाहिए. अदालत ने जांच अधिकारी को इसे उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. अदालत ने जीएसआईपीएल के निदेशक राधाकृष्ण सराफ के वकील मोहित माथुर की यह अर्जी स्वीकार कर ली कि उनके मुवक्किल को बीमारी की वजह से पेशी से छूट दी जाए.

माथुर ने अदालत से कहा कि सराफ 81 वर्ष के हैं और वह अस्वस्थ रहते हैं. उनकी दृष्टि भी धीरे-धीरे खत्म हो रही है. इसलिए उन्हें अगली सुनवाई पर पेशी से छूट दी जाए. हालांकि अदालत ने कहा कि आरोपी की वृद्धावस्था और उसकी अस्वस्थता को ध्यान में रखते हुए उसे आरोप निर्धारण के चरण तक पेशी से छूट दी जाती है, लेकिन यह निर्देश दिया जाता है कि जब भी छूट की जरूरत हो, तो वकील आवेदन दे सकते हैं और उस चरण में उस पर विचार किया जाएगा.’

अदालत ने बचाव पक्ष के वकीलों से यह भी कहा कि मामले पर रोजाना आधार पर सुनवाई होगी. उन्हें अपनी डेट डायरी उस हिसाब से समायोजित करनी होगी. अदालत ने नवीन जिंदल, कोडा, पूर्व कोयला राज्यमंत्री दसारी नारायण राव, गुप्ता, सराफ और पांच अन्य को पहले ही जमानत दे दी थी तथा उन्हें सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने या गवाहों को प्रभावित नहीं करने का निर्देश दिया.

उनके अलावा जिन अन्य लोगों को जमानत मिली है उनमें न्यू दिल्ली एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड क निदेशक सुरेश सिंघल, जीएसआईपीएल के निदेशक गिरीश कुमार सुनेजा, सौभाग्य मीडिया लिमिटेड के प्रबंधक निदेशक के रामकृष्ण प्रसाद और चार्टर्ड एकाउटेंट ज्ञान स्वरूप गर्ग शामिल हैं. इन दस आरोपियों के अलावा पांच कंपनियां- जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, जिंदल रियलटी प्राइवेट लिमिटेड, गगन इंफ्राएनर्जी लिमिटेड (जिसे पहले जीएसआईपीएल के नाम से जाना जाता था), सौभाग्य मीडिया लिमिटेड और न्यू देलही एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड भी इस मामले में आरोपी हैं.



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