सरकार ने एनजीओ पर शिंकजा और कसा, रद्द होंगे पंजीकरण

Last Updated 13 Jul 2014 06:30:51 PM IST

सरकार ने गैर सरकारी संगठनों, न्यासों व परमार्थ संस्थानों पर शिंकजा और कस दिया है.


आयकर

सरकार ने आयकर अधिकारियों को इनका पंजीकरण रद्द करने के अधिकार दिये हैं.

एनजीओ यदि उन उद्देश्यों को पूरा नहीं कर पाते हैं जिनके लिए इनका गठन किया है तो इनका पंजीकरण रद्द कर दिया जायेगा.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन आरके तिवारी ने कहा, ‘यदि एनजीओ, न्यास या परमार्थ संस्थान अपने गठन के उद्देश्य को पूरा नहीं कर रहे हैं, तो आयुक्त स्तर के अधिकारी उनका पंजीकरण रद्द कर सकते हैं.’

बजट 2014-15 के दस्तावेजों में शामिल किए गए प्रावधानों को स्पष्ट करते हुए तिवारी ने कहा कि किसी ट्रस्टी के रिश्तेदार को ऋण देना कानून की धारा 13डी का उल्लंघन है.
इसमें जुर्माने के अलावा पंजीकरण रद्द किया जा सकता है.

वित्त विधेयक में ट्रस्टों का पंजीकरण रद्द करने के लिए चार आधार तय किए गए हैं. इसके बाद वे कर लाभ के पात्र नहीं रहेंगे.

नए प्रावधानों के अनुसार किसी न्यास का पंजीकरण उस स्थिति में रद्द हो सकता है जबकि उसकी आय आम जनता के लाभ के लिए सुनिश्चित नहीं हो, यह किसी विशेष धार्मिक समुदाय या जाति के लिए हो, ट्रस्ट की किसी आमदनी का इस्तेमाल ट्रस्टी आदि के लिए किया जाए, या फिर उसके धन को प्रतिबंधित तरीकों में निवेश किया जाता है तो एनजीओ अथवा ट्रस्ट का पंजीकरण रद्द कर दिया जायेगा.

मौजूदा नियमों के तहत किसी ट्रस्ट का पंजीकरण उस स्थिति में रद्द हो सकता है जबकि न्यास या संस्थान की गतिविधियां सही नहीं हों, गतिविधियां ट्रस्ट या संस्थान के उद्देश्य के अनुरूप नहीं रही हों.
 

 

 

 

 

 



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