राहुल गांधी की माफी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का पिछले दिनों संपन्न हुई विदेश यात्रा के दौरान ब्राउन विश्वविद्यालय में दिए गए भाषण का वीडियो जारी हुआ है।
![]() राहुल गांधी की माफी |
इसके सामने आते ही एक बार फिर न केवल अखबारों की खबर बनी है बल्कि एक बहस भी उठ खड़ी हुई है। वैसे भी ऐसा कम ही होता है कि राहुल गांधी बोले और उन पर विवाद न हो। तिस पर पर यहां तो राहुल गांधी का वह भाषण सामने आया है जिसमें वह एक ओर भाजपा के हिन्दुत्व पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
यानी उसे मुख्यधारा का हिन्दुत्व न बताकर हाशिये का हिन्दू बता रहे हैं तो दूसरी ओर जरनैल सिंह भिंडरावाले के उभार के साथ अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पर सैनिक कार्रवाई और उसके बाद इंदिरा गांधी की हत्या और फिर सिख विरोधी दंगों जैसी घटनाओं के संदर्भ में बात करते हुए इन्हें कांग्रेस की गलती बता रहे हैं।
यह सब उन्होंने तब कहा जब एक सिख छात्र ने सिखों के साथ उनके संबंध की बात पूछी। दरअसल, पिछली यात्रा में राहुल गांधी ने कहा था कि वह भारत में इसलिए लड़ाई लड़ रहे हैं कि सिख अपनी पगड़ी पहन पा रहे हैं या नहीं।
उनका आशय था कि भाजपा शासन में सिखों के लिए अपनी पहचान बचाना यानी पगड़ी पहनना तक मुश्किल हो जाएगा। इस संदर्भ में उनका कहना था कि सिखों के साथ उनके संबंध अच्छे हैं और कांग्रेस ने 80 के दशक में जो गलतियां की हैं, उसके लिए माफी मांगते हैं।
भाजपा के हिन्दुत्व के संदर्भ में राहुल गांधी ने जो कुछ कहा उसके लिए तो भाजपा उन पर आक्रामक है, लेकिन असली मुद्दा जो उनके भाषण में से निकलकर आया है वह कांग्रेस की गलतियों के लिए उनके द्वारा माफी मांगे जाने की है। अब यह तो राहुल गांधी बता सकते हैं कि उन्होंने उस दौर में कांग्रेस के कार्य को किस बिना पर गलत ठहराया और माफी मांग रहे हैं तो किस हैसियत से मांग रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी की ओर से इस मामले पर अभी कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है, लेकिन राहुल को इस मामले में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए जिससे यह पता चले कि वह क्या कहना चाहते हैं।
दूसरे, उन्होंने अतीत की गलतियों को तो परख लिया लेकिन वर्तमान में वह अपने हर भाषण के बाद कांग्रेस को मुसीबत में डालने वाला विवाद खड़ा कर देते हैं, इस पर उनकी नजर क्यों नहीं जाती। इस पर भी उन्हें ध्यान देना चाहिए अन्यथा हो सकता है कि कांग्रेस की अगली पीढ़ी को अपनी इस दौर की गलतियों के लिए माफी मांगनी पड़े।
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