पड़ोसियों के संकट
बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद संसद भंग कर दी है। सेना प्रमुख जनरल वकार ने कहा कि जल्द ही अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा।
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हसीना अपनी बहन के साथ अस्थायी शरण के लिए भारत में हैं परंतु उनकी लंदन जाने की योजना अटक गई प्रतीत हो रही है। ब्रिटेन सरकार ने संकेत दिए हैं कि उनके देश में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के कारण कानूनी सुरक्षा मिलने में अड़चनें आ सकती हैं।
दूसरा, अभी यह भी बताया जा रहा है कि शेख हसीना अस्वस्थ हैं, और इस सूरत में यात्रा करने में परेशानी का सामना कर सकती हैं। इसलिए उनका भारत में कुछ रोज और रुकना हो सकता है।
हसीना के परिवार के कुछ सदस्य फिनलैंड में भी हैं। उनकी बहन की बेटी ब्रिटिश संसद की सदस्य हैं। भारत सरकार मामले पर पैनी नजर रखे हुए है। वहां मौजूद भारतीयों और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर भी सतर्क है।
भारत और बांग्लादेश के दरम्यान त्रेपन सालों से द्विपक्षीय संबंध हैं परंतु हसीना का सत्ता में न रह पाना मुश्किलें पैदा कर सकता है। लंबे समय से जेल में बन्द बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख खालिदा जिया को रिहा कर दिया गया है।
खालिदा का झुकाव हमेशा इस्लामिक कट्टरपंथियों की तरफ रहा है जिसका लाभ उठाने में चीन और पाकिस्तान चूूकने वाले नहीं। चूंकि भारत-बांग्लादेश के दरम्यान हजारों किलोमीटर की सीमा है। लिहाजा, शांति योजनाओं को झटका लगने का अंदेशा खासा बढ़ गया है।
इस सारे संकट में विदेशी सरकारों का हाथ होने से भी इंकार नहीं किया जा रहा है जिसकी बुनियाद को समझना बेहद जरूरी है। वहां नये चुनाव होंगे, शेख हसीना को उसमें शामिल किया जाएगा या सत्ता को सेना अपने हाथ में ही रखेगी, यह कुछ अभी स्पष्ट नहीं है।
हालांकि वहां सैन्य शासन नई बात नहीं है। मगर इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को खासी ठेस पहुंचती है। हसीना को भारत सरकार पहले भी राजनीतिक शरण दे चुकी है। इसलिए हम उनकी आंख की किरकिरी बने हुए हैं।
इस मुस्लिम देश में यदि अधिक वक्त तक अस्थिरता रहती है तो यह भारत के लिए भी अच्छा नहीं है क्योंकि कट्टरपंथियों, आतंकवादी संगठनों के हौंसले बढ़ेंगे और कानून-व्यवस्था ढुलमुला सकती है जो शेख हसीना के राज में बांग्लादेश की संभली अर्थव्यवस्था के अनुकूल तो कतई नहीं कही जा सकती। पड़ोसी देशों में होने वाली राजनीतिक अस्थिरता हमारे लिए संकट का सबब होसकती है।
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