कोराना कैसे फैला,क्यों फैला, सच्चाई जाहिर नहीं हुई
अमेरिकी कांग्रेस के कहने पर जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस प्रयोगशाला से लीक नहीं हुआ था। अमेरिकी अधिकारियों ने यह खुफिया रिपोर्ट जारी की है।
![]() सच्चाई जाहिर नहीं हुई |
वे इस बात को लेकर विभाजित हैं कि महामारी कैसे शुरू हुई। कहा गया कि स्वतंत्र जांच में चीन के रोड़ा अटकाने के कारण यह पता लगाना नामुमकिन हो गया कि महामारी की शुरुआत कैसे हुई थी। हालांकि इस रिपोर्ट से रिपब्लिकन पार्टी के कुछ लोग नाराज हो गए। उनका मानना है कि प्रशासन गलत तरीके से गुप्त सूचनाओं व अनुसंधानकर्ताओं को रोक रहा है। चार अन्य एजेंसियों का मानना है कि वायरस पशु से मानव में फैला जबकि ऊर्जा विभाग व संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) के अनुसार, वायरस प्रयोगशाला से लीक हुआ।
महामारी के प्रारंभ में ही माना गया था कि चीन के वुहान से यह फैली थी। वहां विषाणु विज्ञान संस्थान स्थित है। रिपोर्ट कह रही है कि प्रयोगशाला में अलग-अलग वायरस को मिलाने के प्रयास समेत अनुसंधान के हिस्से के तौर पर अनुवांशिक रूप से वायरस विकसित किए गए। यह भी कहा कि वहां काम कर रहे अनुसंधानकर्ताओं के 2019 में बीमार पड़ने व ास संबंधी लक्षण होना भी किसी निष्कर्ष पर नहीं ले गया।
दुनिया भर के लाखों लोगों को अपनी चपेट में लेने वाले इस वायरस की पहचान पहले कभी नहीं की गई थी, जो संक्रमित के खांसने, छींकने व सांस से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन अपनी रिपोर्ट में बता चुका है कि केवल भारत में 47 लाख लोगों की मौत कोरोना के कारण हुई। संक्रमण की भयावहता को भांपते हुए सरकार ने देश में टोटल लॉक डाउन लगा दिया था। जिसका असर समूचे देश की आर्थिक स्थिति में स्पष्ट नजर आया। मगर आज तक यह साफ नहीं हो सका कि यह वायरस कहां से, कैसे फैला।
चीन इस हकीकत से शुरुआत से ही मुकर रहा है। जब भी जांच टीमें वहीं गई, चीनी सरकार ने असहयोग का रवैया ही अपनाया। हालांकि वह खुद भी इससे अछूता नहीं रहा, वहां भी कोरोना के चलते अनगिनत मौतें हुई और महीनों लॉक डाउन लगा रहा। वैिक विशेषज्ञों ने आशंका व्यक्त की है कि चीन की प्रयोगशालाओं में इस तरह के खतरनाक वायरसों पर लगातारप्रयोग जारी हैं। पर उन्हें रोक पाने में दुनिया भर की ताकतें असफल सिद्ध हो रही हैं। इसलिए कोरोना के संक्रमण पर संशय बना हुआ है।
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