पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करने का अवसर
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (India's External Affairs Minister S. Jaishankar) ने पिछले सप्ताह गोवा (Goa) में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में पाकिस्तान (Pakistan) के अपने समकक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी से दो टूक कहा कि आतंकवाद और बातचीत दोनों एक साथ नहीं हो सकता।
![]() पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करने का सुअवसर |
उन्होंने बैठक के अंतिम दिन अपने संबोधन में तौर पर कहा कि बिना किसी भेदभाव के आतंकवाद के सभी स्वरूपों और इसके वित्तपोषण को रोकना चाहिए। इसी दिन जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में कांडी वन क्षेत्र में आतंकवादियों द्वारा किए गए विस्फोट में पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। मेजर रैंक के एक अधिकारी घायल हो गए थे।
विदेश मंत्री जयशंकर का पाकिस्तान के प्रति कठोर और आक्रामक रुख के पीछे राजौरी में हुआ आतंकी हमला एक बड़ा कारण हो सकता है।
राजौरी में हुआ आतंकी हमला एक बड़ा कारण हो सकता है। कहा जा सकता है कि लगातार हो रही आतंकी घटनाओं से अब भारत का धैर्य जवाब दे रहा है।
शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने भारत आए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो (Pakistan Foreign Minister Bilawal Bhutto) ने कहा कि भारत के साथ संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि कश्मीर (Kashmir) में अगस्त 2019 से पहले की स्थिति बहाल नहीं हो जाती।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 हटाने का जो फैसला किया उससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों का उल्लंघन हुआ और यह भारत की ओर से एकतरफा कार्रवाई थी।
बिलावल भुट्टो के इस बात पर जयशंकर ने कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंकी देश का प्रवक्ता (Spokesperson of Pakistan terrorist country) है।
गोवा (Goa) में संपन्न हुई एससीओ की बैठक (SCO meeting) में जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष छिन कांग के साथ हुई बातचीत पर गौर किया जाना चाहिए।
हालांकि चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख की भारत-चीन सीमा (India-China border) पर अतिक्रमण किया था और अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में भी जब तक अवांछत घुसपैठ करते रहते हैं। इससे जाहिर होता है कि SCO की बैठक में पड़ोसी देशों के साथ वार्ता हो सकती है।
दूसरी ओर पाकिस्तान का भविष्य अनिश्चित है। लेकिन भारत उभरती हुई नई विश्व व्यवस्था का एक महत्त्वपूर्ण ध्रुव है। वह एससीओ और जी-20 शिखर (G-20 Summit) वार्ताओं की अध्यक्षता कर रहा है। इन सम्मेलनों में नई दिल्ली के पास सदस्य देशों के सामने पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करने का सुअवसर है।
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