Karnataka Election में वादों की झड़ी
सत्तारूढ़ BJP ने कर्नाटक (Karnataka) में दस मई को होने वाले विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election) के लिए जारी अपने चुनाव घोषणा-पत्र (BJP Karnataka Election Menifesto) में वादों की झड़ी लगा दी है।
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भाजपा कर्नाटक को दक्षिण के द्वार के रूप में देखती है। इसलिए राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए उसने युवाओं, महिलाओं और किसानों समेत सभी वर्गों को साधने की कोशिश की है। कर्नाटक पिछले दिनों हिजाब विवाद के कारण सुर्खियों में रहा है। इसलिए भाजपा के केंद्रीय नेताओं का विश्वास है कि कर्नाटक हिन्दुत्व की प्रयोगशाला बन सकता है। शायद यही वजह है कि समान नागरिक संहिता (UCC) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी लागू करने का वादा किया गया है।
इस तरह पार्टी ने अपने मुख्य वैचारिक आधार की ओर वापसी की है। यूसीसी लागू करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। पार्टी ने राज्य में धार्मिक कट्टरतावाद (Religious Fundamentalism) और आतंकवाद के खिलाफ कर्नाटक स्टेट विंग (Karnataka State Wing) नामक एक विशेष पुलिस विंग (Special Police Wing) बनाने का भी वादा किया है।
प्रतीत होता है कि इस विंग के गठन का वादा विशेषकर पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं को रिझाने के लिए किया गया है। पिछले वर्ष वैचारिक संघर्ष में भाजपा के एक कार्यकर्ता की हत्या हो गई थी। इसके कारण पार्टी के कार्यकर्ताओं में अपनी सरकार के प्रति काफी नाराजगी थी। पिछले तीन दशकों से यह परंपरा बन गई है कि राज्य में सत्तारूढ़ दल सत्ता विरोधी लहर को रोककर निरंतरता में दूसरी बार सरकार बनाने में कामयाब नहीं हुआ है।
BJP यह परंपरा तोड़ना चाहती है। इसके लिए उसने अनेक कल्याणकारी योजनाओं का वादा किया है। गरीबी रेखा के दायरे में आने वाले परिवारों को उगादि, गणेश चतुर्थी और दीपावली के अवसर पर तीन मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर देने का वादा (Promise to give three free cooking gas cylinders on the occasion of Ganesh Chaturthi and Diwali) किया है। ‘पोशाने’ योजना के तहत प्रत्येक बीपीएल परिवार को हर दिन आधा लीटर ‘नंदनी’ दूध और मासिक राशन किट के माध्यम से पांच किलो श्रीअन्न दिया जाएगा। पिछली कांग्रेस सरकार की इंदिरा कैंटीन की तर्ज पर भाजपा ने घोषणा-पत्र में हर निगम वार्ड में ‘अटल आहार केंद्र’ की स्थापना का वादा किया है।
BJP के मुख्यमंत्री वासवराज बोम्मई (Wasavraj Bommai) राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में असमर्थ रहे हैं, जिसके कारण लोगों में अच्छी खासी नाराजगी है। अब देखना है कि भाजपा अपनी विरोधी कांग्रेस और जनता दल (एस) द्वारा पेश की जा रही चुनौतियों का चुनाव में किस तरह सामना करती है।
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