दागदार बना सेना प्रमुख
तख्तापलट की आशंका वाले पड़ोसी देश पाकिस्तान में फिलहाल खतरा टल गया लगता है, लेकिन पहले से चली आ रही भारत को परेशान करने की परंपरा के अनुसार आईएसआई के पूर्व प्रमुख और वरिष्ठतम लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर को पाकिस्तान का नया सेना प्रमुख बनाया गया।
दागदार बना सेना प्रमुख |
इस पद पर नियुक्ति को लेकर काफी समय से चल रही अटकलों पर इस नियुक्ति के साथ ही फिलहाल विराम लग गया है, लेकिन यह विराम भी तभी तक रहने वाला है जब तक वह अपनी अभिलाषाओं पर विराम लगाए रखते हैं या उनकी महत्त्वाकांक्षाएं प्रकट नहीं होतीं। पाकिस्तान में सुरक्षा और विदेश नीति के मामले में सेना का हमेशा से निर्णायक दखल रहा है। लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर पाक की दो सबसे बड़ी खुफिया एजेंसियों इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई) के प्रमुख रह चुके हैं। वैसे पुलवामा कांड के मास्टरमाइंड के तौर पर भी इनका नाम आता है।
आईएसआई प्रमुख के रूप में उनका कार्यकाल बहुत संक्षिप्त रहा है। आठ महीने के भीतर ही 2019 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के जोर देने पर उन्हें हटाकर लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को मुनीर के स्थान पर आईएसआई प्रमुख नियुक्त कर दिया गया था। मुनीर जनरल कमर बाजवा की जगह लेंगे, जो 29 नवम्बर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। बाजवा को 2016 में तीन साल के लिए सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था। साल 2019 में उन्हें तीन साल का सेवा विस्तार दिया गया था।
मुनीर की नियुक्ति पाक में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से वर्तमान प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की सरकार का विवाद सुलटाने के प्रयास लगता है। क्योंकि राष्ट्रपति पद संभालने से पहले तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी से संबंध रखने वाले आरिफ अल्वी प्रधानमंत्री शरीफ से मुनीर की नियुक्ति के बारे में डीमार्श मिलने के बाद पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान से मिलने के लिए लाहौर गए थे और प्रस्तावित नियुक्ति पर परामर्श किया था। पाकिस्तान को अस्तित्व में आए 75 से ज्यादा साल हो चुके हैं और देश में आधे से अधिक समय तक सेना का शासन रहा है। देखा जाए तो पाक में सेनाध्यक्ष सबसे शक्तिशाली पद है। इस नियुक्ति को भारत के राजनीतिक और राजनयिक हल्कों में भी गंभीरता से देखा जा रहा है। देखना है कि मुनीर का कामकाज दोनों देशों के रिश्तों में नरमी लाएगा या पहले की तरह उबाल लाने का काम करेगा।
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