सख्त संदेश

Last Updated 30 May 2022 01:02:55 AM IST

मई 7 को रांची हवाई अड्डे पर दिव्यांग बच्चे को विमान में सवार होने से रोकने के मामले में विमानन कंपनी इंडिगो पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।


सख्त संदेश

कार्रवाई शनिवार को विमानन नियामक डीजीसीए (डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने की है। घटना के प्रकाश में आने के बाद केंद्रीय नागर उड्डयन एवं विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट करके कहा था कि घटना की पूरी जांच उनकी निगरानी में ही होगी। इस पर घबराई विमानन कंपनी ने घटना के लिए आनन फानन में माफी मांगी। कंपनी के सीईओ ने बयान जारी करके प्रभावित परिवार के प्रति गंभीर खेद व्यक्त किया लेकिन मामला थमता  नहीं दिख रहा। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग भी हरकत में आ गया है। उसने विकलांग बच्चे को बोर्डिग फ्लाइट से रोकने के लिए इंडिगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

इससे पूर्व सात मई की घटना पर नौ मई को जारी बयान में इंडिगो ने बताया कि रांची-हैदराबाद उड़ान में सवार होने से दिव्यांग बच्चे को यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर रोका गया क्योंकि वह घबराया हुआ था। बच्चे के साथ उसके माता-पिता भी थे, जो उसे रोके जाने पर विमान में सवार नहीं हुए। मामले में डीजीसीए ने तीन सदस्यीय जांच टीम ने पाया कि विमानन कंपनी ने हद दज्रे की लापरवाही बरती। बच्चा विमान में सवार होने से पूर्व असहज और अशांत था तो विमानन के स्टाफ की डय़ूटी थी कि उसे सहज किया जाता। हवाई अड्डे पर विशेष परिस्थिति थी और असाधारण प्रतिक्रिया की जरूरत थी। ऐसा करने में विमानन कंपनी का स्टाफ नाकाम रहा तो इसका मतलब यह भी है कि उनमें पेशेवर कुशलता का अभाव है।

बच्चे के माता-पिता गिड़गिड़ाने की हद तक आग्रह कर रहे थे कि उन्हें अपने बच्चे के साथ विमान पर सवार होने दिया जाए। लेकिन बच्चे को सवार न होने दे की हठ पकड़े बैठे विमान कर्मियों ने एक न सुनी। अपने फरमान से तनिक भी टस से मस नहीं हुए। बेरुखी और मनमाना व्यवहार किसी सेवा प्रदाता कंपनी के लिए अशोभनीय तो है ही, अपेक्षित भी नहीं है। ऐसे व्यवहार की अनुमति नहीं दी जा सकती। विमानन नियामक को चाहिए कि यात्रियों के प्रति विमानन स्टाफ का कुशल व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए अपने नियमों पर गौर करे ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।



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