प्रकाश पर्व पर मन्नत पूरी
पाकिस्तान स्थित सिखों के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों तक पहुंचने के लिए करतारपुर साहिब गलियारा श्री गुरूनानक देव के प्रकाश पर्व से ठीक पहले बुधवार को खोल दिया गया।
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कॉरिडोर खोले जाने के साथ ही करतारपुर साहिब के पवित्र दर्शन के अभिलाषी भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। करतारपुर साहिब केवल उन्हीं श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति है जिन्होंने कोरोना से बचाव के टीकों की दोनों खुराक ले रखी हैं या जिनकी कोविड19 आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव रिपोर्ट है। श्रद्धालुओं को पीने का पानी और सात किलो वजन तक का जरूरी सामान ले जाने की अनुमति है।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों तथा श्रद्धालुओं समेत 250 लोगों के पहले जत्थे में 18 नवम्बर को करतारपुर साहिब में मत्था टेकेंगे। इसके अलावा शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) अध्यक्ष बीबी जागीर कौर के नेतृत्व में श्रद्धालुओं का एक बड़ा जत्था 19 नवम्बर को प्रकाश पर्व के दिन ही करतारपुर साहिब के लिए रवाना होगा।
एसजीपीसी की ओर से करतारपुर साहिब में बुधवार से ही अखंड पाठ शुरू कर दिया गया है जिसका समापन गुरु नानक के प्रकाश पर्व 19 नवम्बर को भोग डालने के साथ होगा। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के चलते करतारपुर कॉरिडोर 16 मार्च, 2020 को बंद कर दिया गया था। केंद्र सरकार ने सिख समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए गत मंगलवार को गुरु नानक देव जयंती से पूर्व ही 17 नवम्बर से करतारपुर कॉरिडोर खोलने का फैसला किया था। इस फैसले का पंजाब के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और सिखों के सभी धार्मिक संगठनों ने स्वागत किया था।
भारत ने 24 अक्टूबर, 2019 को पाकिस्तान के साथ करतारपुर गलियारा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के तहत सभी धर्मो के भारतीय तीर्थयात्रियों को 4.5 किमी. लंबे मार्ग के माध्यम से साल भर वीजा मुक्त यात्रा करने की अनुमति दी गई थी। करतारपुर गलियारा सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव के अंतिम विश्राम स्थल गुरुद्वारा दरबार साहिब और पाकिस्तानी पंजाब के गुरुदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक गुरद्वारा को जोड़ता है। ये सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हैं। उम्मीद है कि गलियारा शुरू होने से पाक अर्थव्यवस्था को भी सहारा मिलेगा। दोनों देशों की खटास भी कम होगी।
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