डर नहीं तैयारी जरूरी
साल बीतते-बीतते दो तरह की खबरें मिल रही हैं कि एक तो कोरोना वायरस का प्रकोप भारत में कम हो रहा है, और दूसरी तरह की खबरें इस आशय की हैं कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस ने रूप बदल लिया है।
![]() डर नहीं तैयारी जरूरी |
दूसरी तरह की खबरों की वजह से दुनिया भर के शेयर बाजार टूट गये और खौफ का माहौल भर गया। कुल मिलाकर उद्योगपति, उपभोक्ता और कर्मचारी 2020 का पूर्वार्ध नहीं भूले हैं, जिसमें रोजगार, उद्योग पर भीषण चोट पड़ी थी। कोरोना वायरस का बदला हुआ स्वरूप कितना खतरनाक होगा, यह सवाल अभी अनुत्तरित है। पर मोटे तौर पर विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस का जो टीका लगाया जाएगा, वह वायरस के नये स्वरूप पर भी कारगर होगा। कुल मिलाकर डरने की जरूरत नहीं है। यह तो साफ है कि 2020 के अंत तक पूरी दुनिया कोरोना से लड़ने के लिए ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार है, 2020 की शुरु आत के मुकाबले।
आर्थिक गतिविधियों को अब रोका नहीं जा सकता। सावधानी के साथ ही आगे बढ़ने का विकल्प मौजूद है। खासतौर पर यह देखने की जरूरत है कि अर्थव्यवस्था के विपन्न तबके की दिक्कतें तो कोरोना ने बढ़ाई हैं। कई अमीर उद्योगपतियों की दौलत 2020 में बहुत तेजी से बढ़ गई है, क्योंकि उनका कारोबार बढ़ गया है। जाहिर है आनलाइन कारोबार से जुड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां फ्लिपकार्ट और अमेजन के संचालकों की दौलत में इजाफा हुआ ही होगा। पर अर्थव्यवस्था के सबसे नीचे पायदानवाले बंदे के अस्तित्व की सुविधा बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि मकान बनें, सड़कें बनें। शापिंग माल खुलें, सावधानी के साथ। कुल मिलाकर अब अर्थव्यवस्था बंद करने की जरु रत नहीं है। 2020 के जाने के साथ ही लाकडाउन का विचार भी जाना चाहिए।
भारत में कोरोना वायरस के बदले हुए संस्करण के साथ निपटने की तैयारियों में कोई ढील नहीं होनी चाहिए। अब सावधानियों के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। कोरोना का टीका जल्दी आए और जल्दी ही सबको लग पाए ऐसी तैयारियां चल रही हैं। इन तैयारियों में और त्वरा की जरूरत है। कोरोना वायरस कुल मिलाकर सिर्फ सेहत के लिए आपदा नहीं है, बल्कि यह तो आर्थिक महाआपदा के तौर पर ही सामने आया है। आर्थिक स्थितियों का तकाजा है कि अब डर का इजहार ना किया जाए, बल्कि तैयारियों की बात हो, जो 2020 के पूरे साल के अनुभव से हर देश ने हासिल की है।
Tweet![]() |