रुक नहीं रहा आंकड़ा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक महत्त्वपूर्ण फैसले में राशन की दुकानों पर काम करने वाले, सब्जी-फल विक्रेताओं और फेरीवालों का कोविड-19 टेस्ट कराए जाने को लेकर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र भेजा है।
रुक नहीं रहा आंकड़ा |
मंत्रालय का विश्वास है कि ऐसे लोगों के जरिये कोरोना विषाणु के संक्रमण के तेजी से फैलने की आशंका है। इसलिए इनकी जांच जरूरी ही नहीं अनिवार्य है। स्वास्थ्य मंत्रालय के इस सुझाव का स्वागत किया जाना चाहिए और सभी राज्य सरकारों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों को इस सुझाव को निर्देश मानते हुए इस पर तुरंत अमल करना चाहिए। इधर बड़ी चिंता की बात यह है कि पूरे विश्व के साथ-साथ भारत में भी कोविड-19 का प्रकोप लगातार तेजी से बढ़ रहा है। वैश्विक स्तर पर कोरोना संक्रमितों की संख्या करीब दो करोड़ हो गई है, जबकि भारत में लगातार चौथे दिन 60 हजार से ज्यादा मामला सामने आए हैं। बीते रविवार को पिछले 24 घंटे में रिकार्ड 64, 399 नये मामले सामने आए हैं। कुल संक्रमितों की संख्या 21 लाख से ज्यादा हो गई है और मृतकों का आंकड़ा 45 हजार को पार कर गया है। भारत के लिए सबसे डरावनी बात यह है कि यह वैश्विक महामारी अब छोटे शहरों और कस्बों को अपनी चपेट में ले रहा है। अगर यह महामारी गांवों तक फैल गई तो इससे पार पाना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा।
इसलिए बड़ा सवाल यह है कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लॉकडाउन से अनलॉक की ओर बढ़ना और नियमों को शिथिल करने का निर्णय क्या गलत साबित हो रहा है। कोरोना से संबंधित चिंता के दूसरे पहलू भी हैं। दिल्ली देश की राजधानी है और यहां सभी बड़े वीआईपी रहते हैं। जब दिल्ली में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है तो दूसरे शहरों की क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। दिल्ली में दुकानदार, सब्जी और फल विक्रेता बिना मास्क के नजर आ रहे हैं। कुछ सरकारी दफ्तरों में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कराया जा रहा है। पुलिस और प्रशासन मूक है। अगर सरकार भी मूक बनी रही तो भारत बहुत जल्द ही कोरोना के पायदान पर सबसे ऊपर आ जाएगा और सरकार को पूरे देश में दोबारा लॉकडाउन जैसा सख्त फैसला लेने के लिए बाध्य होना पड़ सकता है।
Tweet |