गुलाबी चैंपियन
गुलाबी गेंद से अपना पहला टेस्ट खेल रही टीम इंडिया ने बांग्लादेश को मैच के तीसरे दिन बड़े अंतर से हराकर न केवल सीरीज पर कब्जा जमाया वरन कई रिकॉर्ड भी बनाए।
![]() गुलाबी चैंपियन |
पहला टेस्ट इंदौर में खेला गया था जो साढ़े तीन दिन चला मगर कोलकाता के ईडन गार्डन में खेले गए दिन-रात के टेस्ट मैच में भारतीय खिलाड़ियों ने बांग्लादेश को तीसरे दिन ही रौंद डाला। ये दिन-रात टेस्ट के इतिहास में दूसरा सबसे छोटा मैच रहा, जो सिर्फ दो दिन 48 मिनट (कुल 6 सेशन) चला। इससे पहले, दिसम्बर 2017 में दक्षिण अफ्रीका ने जिम्बाब्वे को दो दिन में हरा दिया था।
नि:संदेह विराट कोहली के नेतृत्व में भारतीय टीम जिस बुलंदी और जीत के जबरदस्त जुनून के साथ विरोधी टीमों पर फतह हासिल कर रही है, वह काबिलेतारीफ है। यह भारत की टेस्ट में लगातार सातवीं जीत है। इसी के साथ कोहली ने टेस्ट में लगातार सबसे ज्यादा मैच जीतने के मामले में धोनी का रिकॉर्ड तोड़ा। हालांकि बांग्लादेश से जिस तरह के मुकाबले की उम्मीद की जा रही थी, वह देखने को नहीं मिली। इस लिहाज से गुलाबी टेस्ट की सफलता या असफलता का ठीक-ठाक निष्कर्ष निकालना थोड़ी जल्दबाजी होगी।
अभी तक कुल 12 दिन-रात का टेस्ट मैच खेला गया है, मगर ईडन गार्डन में खेले गए मैच में दृश्यता को लेकर भी कुछ सवाल उठे हैं। सूरज ढलने के वक्त हेलमेट पर बार-बार गेंद लगने से गुलाबी गेंद को लेकर चर्चा होनी जरूरी है। वैसे कुल मिलाकर भारत में गुलाबी गेंद से दिन-रात का टेस्ट मैच का प्रयोग मील का पत्थर साबित होगा। मगर टीम की कुछ उपलब्धियों की चर्चा भी समीचीन होगा। मसलन; पेस बेटरी यानी तेज गेंदबाजों का जलवा। भारत को हमेशा से स्पिन गेंदबाजी के लिए जाना जाता है।
मगर हाल के सीजन में भारतीय तेज गेंदबाजी ने जिस तरह का हैरतअंगेज प्रदर्शन किया है, वह अतीत के सुनहरे पलों की याद दिलाता है। कह सकते हैं कि फिलवक्त भारतीय टीम कोहली की अगुआई में ‘विराट’ प्रदर्शन कर रही है। निश्चित तौर पर यह टीम की कड़ी मेहनत का प्रतिफल है। अब विराट की टीम की अग्निपरीक्षा अगले कुछ महीनों में होगी, जब फरवरी 2020 में इंग्लैंड की टीम 5 टेस्ट खेलने भारत आएगी। वहीं अगले साल टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का दौरा करना है। उसके बाद ही कई मसलों पर चर्चा हो सकेगी।
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