पाकिस्तान की करतूत
इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग द्वारा आयोजित रोजा इफ्तार पार्टी में पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने जिस तरह का व्यवहार किया उसके लिए एक ही शब्द प्रयोग किया जा सकता है, बद्तमीजी।
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अगर इफ्तार में आमंत्रित लोगों के सामने पाकिस्तान की जनता प्रदशर्न करती, विरोध करती तो यह एक हद तक स्वीकार किया जा सकता था। किंतु, सुरक्षा बलों द्वारा मेहमानों के साथ दुर्व्यवहार, बलपूर्वक रोकना, धमकाना..उनसे झूठ बोलना कि इफ्तार रद्द हो गया है, अस्वीकार्य रवैया है।
वस्तुत: इफ्तार स्थल होटल सेरेना को सुरक्षा बलों ने घेर ही लिया था। ऐसी डरावनी स्थिति बनाई गई कि कोई बिना उनकी अनुमति से अंदर जा ही नहीं सके। भारतीय उच्चायोग द्वारा रोजा इफ्तार पार्टी की परंपरा आज की नहीं है। उसमें कराची से लाहौर तक के मेहमान आए थे। उन सबको कितनी कठिनाई हुई होगी, सहज अनुमान लगाया जा सकता है।
किंतु यह सब उस अपमान से काफी छोटा है, जो हमारे उच्चायोग के अधिकारियों-कर्मचारियों और उसके माध्यम से भारत का हुआ है। आखिर, उच्चायोग अपने देश का प्रतिनिधित्व करता है। वहां के आमंतण्रका अर्थ संबद्ध देश की ओर से आमंतण्रहोता है। उसमें सभी पार्टियों के लोग आमंत्रित थे। पहले तो फोन पर धमकाया गया कि वहां मत आओ। उसके बावजूद जो आए उनके साथ बद्तमीजी की गई। पीपीपी के एक नेता का बयान है कि उनको कहा गया कि इफ्तार रद्द हो गया है।
विचार करने वाली बात है कि आखिर, पाकिस्तानी एजेंसियों ने ऐसा क्यों किया होगा? उच्चायोग के किसी कार्यक्रम को विफल करने की कोशिश सरकार के उच्च स्तर की हरि झंडी के बगैर नहीं हो सकती। संभव है हवाई बमबारी के बाद वहां सुरक्षा बलों के अंदर भारत के खिलाफ जो खीझ है, उसमें उन्होंने ऐसा किया हो। ऐसा है तो इससे हास्यास्पद कुछ नहीं हो सकता। आपका देश है, आप ऐसा कर सकते हैं। हालांकि बावजूद इसके कुछ लोगों के इफ्तार में पहुंच जाने की भी सूचना है। ऐसे कुछ बड़े नेता रहे होंगे जिनको रोक सकना इनके वश की बात नहीं होगी।
पाकिस्तान में हिम्मत थी तो सार्वजनिक रूप से भारतीय इफ्तार के बहिष्कार का ऐलान कर देना चाहिए था। आप ऐसी हिम्मत नहीं कर सकते तो पार्टी विफल करने की शर्मनाक हरकत करवाई। इफ्तार में लोगों को आने से रोक दिया गया तो उससे भारत का क्या बिगड़ा? छवि तो पाकिस्तान की खराब हुई। हमारा मानना है कि भारत को वहां रोजा इफ्तार पार्टी आगे से न करने की दिशा में विचार करना चाहिए।
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