एफडीआई की पैरवी

Last Updated 12 Jan 2018 12:18:31 AM IST

सरकार द्वारा एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 100 प्रतिशत और एयर इंडिया में 49 प्रतिशत तक के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी प्रदान करने के फैसले पर देश में कोई एक राय बनना कठिन है.


एफडीआई की पैरवी

यही हाल निर्माण सेवा क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नियमों में छूट प्रदान के संदर्भ में भी है. एकल ब्रांड खुदरा कारोबार और निर्माण क्षेत्र में स्वचालित मार्ग से विदेशी निवेश की अनुमति देने का मतलब है इन दोनों क्षेत्रों को विदेशी कंपनियों के लिए पूरी तरह से खोल दिया जाना. वस्तुत: अभी तक एकल ब्रांड खुदरा कारोबार में 49 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति थी.

इससे अधिक यदि निवेश करना हो तो उसके लिए सरकार से अनुमति की आवश्यकता थी. नये निर्णय के अनुसार विदेशी कंपनियां अब स्वचालित मार्ग से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कर सकेंगी और कहने की आवश्यकता नहीं कि इसके लिए उन्हें सरकार से कोई अनुमति भी नहीं लेनी होगी. इस विषय को लेकर देश में लंबे समय से बहस चल रही थी. खुद भाजपा ने पिछली सरकार के दौरान खुदरा क्षेत्र में शत-प्रतिशत विदेशी निवेश के खिलाफ स्टैंड लिया था. आज भी संघ परिवार के संगठन स्वदेशी जागरण मंच एवं भारतीय मजूदर संघ इसके खिलाफ हैं.

कम्युनिस्ट पार्टयिों ने भी इसका विरोध किया है और कई व्यापारी संगठन भी. किंतु कुछ चिंता वाजिब है. खुदरा कारोबार में हमारे यहां कई करोड़ लोग लगे हैं. भय है कि विदेशी दुकानदारों के आने से कहीं उनका रोजगार खत्म न हो जाए. हालांकि इसके समर्थकों का कहना है कि इससे रोजगार घटेगा नहीं बढ़ेगा. कम-से-कम अभी मल्टीब्रांड खुदरा क्षेत्र में यह अनुमति नहीं मिली. जो मिली है उनमें भी शर्त यह है कि उन्हें भारत में अपनी पहली दुकान खोलने के दिन से अगले पांच साल तक अपने कारोबार के लिए कच्चे माल का 30 प्रतिशत हिस्सा भारत से ही खरीदना होगा.

जहां तक विदेशी विमानन कंपनियों को एयर इंडिया में 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेचने की अनुमति की बात है तो इसे डूबते महाराज को बचाने की कवायद मानी जा रही है. वैसे इसमें विदेशी विमानन कंपनी को मंजूरी लेनी होगी. ध्यान रखिए, विमानन क्षेत्र में 49 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति पहले से थी केवल एयर इंडिया को इससे बाहर रखा गया था. अब उस बंदिश को खत्म कर दिया गया है. वैसे यहां शर्त है. यानी एयर इंडिया का मुख्यालय भारत में ही रहेगा एवं उसका अध्यक्ष भी भारतीय ही होगा.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment