घर तक मदद
वृद्धावस्था की समस्या टाली तो नहीं जा सकती है, लेकिन डॉक्टरी सहायता, उपचारकर्ता, पुनर्वास कर्मियों और समाज की सहायता से इस पर बहुत हद तक काबू पाया जा सकता है.
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हालांकि सरकार ऐसे मसले पर संजीदगी दिखाती है और इसके लिए कई सारे नियम और निर्देश भी बनाए गए हैं, लेकिन वह अंतिम परिणति तक पहुंचते-पहुंचते दम तोड़ देती है. वृद्धावस्था में शरीर अशक्त और क्षीण हो जाता है. उन्हें कई तरह की शारीरिक समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है.
कई बार याददाश्त में कमी तो कई बार अंगूठे के निशान का मशीन से मिलान नहीं हो पाता है. नतीजतन बुजुगरे को भारी दिक्कत दरपेश होती है. वयोवृद्ध नागरिकों को ऐसी ही समस्या को छूमंतर करने के वास्ते भरतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे 70 साल से अधिक उम्र के नागरिकों और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को इस साल दिसम्बर तक उनके घर के दरवाजे पर बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करें. आमतौर पर उम्रदराज और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को बैंकों या किसी सरकारी विभाग में ले जाना काफी कष्टप्रद होता है.
ज्यादा तकलीफदेह बात तब होती है, जब बैंककर्मी सब कुछ जानते-समझते हुए भी नियम के तहत इतने कठोर हो जाते हैं कि बुजुगरे, दिव्यांग और लाचार लोगों को अपना ही पैसा पाने या काम करवाने में नाको चने चबाने पड़ते हैं. कई बार तो बैंकवाले कई तरह की सरकारी सुविधा का जिक्र ही नहीं करते हैं.
इस कारण से आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वह अपने यहां सीनियर सिटीजन के लिए अलग काउंटर लगाएं साथ ही बुजुगरे और दृष्टिहीन लाचार लोगों को मिलने वाली सुविधाओं का जिक्र बैंक के बाहर और अंदर बोर्ड लगाकर करें. कई बार तो नियमों की अनभिज्ञता की वजह से भी वरिष्ठ नागरिकों को सहूलियत नहीं मिल पाती हैं. ऐसा नहीं है कि पहले से वरिष्ठों के लिए सुविधाजनक नियम नहीं बने हैं. लेकिन उसका पालन नहीं हो पाता है. सरकार के ताजा प्रयास की सराहना इस मायने में भी करनी चाहिए कि बूढ़े-बुजुर्ग, दिव्यांग और अशक्त लोग मदद के मोहताज होते हैं.
उन्हें वे सारी सुविधाएं मिलनी चाहिए जिनसे उन्हें आरामतलबी का अहसास हो. सरकार को बैंकिंग सुविधाओं के अलावा, रेलवेकर्मियों को सालाना मिलने वाला यात्रा पास निर्गत करने को लेकर भी उदार रुख अख्तियार करना चाहिए. देखना है आरबीआई के ताजा निर्देश कि ‘शब्द और भावना’ तक नियम का क्रियान्वयन होना चाहिए, कितनी गंभीरता से बैंककर्मी अंजाम तक पहुंचाते हैं.
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