अनैतिक होती सियासत

Last Updated 19 Aug 2017 06:22:53 AM IST

राजनीति में गिरावट और इसके रसातल में जाने की चर्चा गाहे-बगाहे तो होती रहती है, मगर इस बार यह बात चुनाव आयुक्त ओ.पी. रावत ने कही है, जिस पर बहस तेज हो गई है.


अनैतिक होती सियासत

कुछ दिनों पहले गुजरात में राज्य सभा सीटों पर चुनाव को लेकर जिस तरह का तमाशा किया गया, वह राजनीति और राजनेताओं के नैतिक व्यवहार में गिरावट को दर्शा गया.

इसके पहले राज्य सभा के चुनाव की तरफ शायद ही किसी का ध्यान जाता रहा हो. यह ठीक है कि चुनाव जीतने में सभी पक्षों का लगना लाजिमी है लेकिन मर्यादा में.

गुजरात में यह तार-तार हो गया. लाज चुनाव आयोग की निष्पक्षता ने रख ली वरना सब कुछ चला गया था. ऐसे में चुनाव आयुक्त का बेलाग कहना कि ‘जीत के लिए सियासी पार्टियां किसी भी हद तक जा कर कुछ भी करने में संकोच नहीं करती दिखती है.’

कहीं से भी गलत नहीं कही जा सकती. हाल के कुछ सालों में राजनीति में आदर्श, नैतिकता, पारदर्शिता, ईमानदारी और शुचिता का हरण जिस रफ्तार से हो रहा है, वह लोकतंत्र और देश की राजनीति के लिए कत्तई शुभ संकेत नहीं है.

इस लिहाज से भी नहीं, जबकि राजनीतिक दल और राजनेता लोकतंत्र व उसकी सर्वोच्चता की दुहाई देते रहते हैं. मगर ‘किसी भी तरह जीतना है’ के विचार को आदर्श मानने वालों को राजधर्म से क्या मतलब? सो धींगामुश्ती बड़े पैमाने पर और ज्यादा जोर से की जा रही है. ऐसे में सत्ता का लोभ राजनीतिकों को नैतिकता से विमुख कर रहा है जबकि लोकतंत्र की पहली शर्त ही ‘सत्यं शिवम सुंदरम’ है.

लेकिन आज की राजनीति बिना नीति की हो गई है. न तो इसमें जनता है, न उनकी इच्छाओं का सम्मान है और न विास है. है तो बस एक बड़ी राजनीतिक शून्यता. रावत का सियासी दलों को आईना दिखाना इस मायने में बेहद अहम है कि राजनीति विास का क्षेत्र है और गुजरे वर्षो में इसके प्रति जनता का विास बेहद कमजोर हुआ है. यह प्रवृत्ति लोकतंत्र के लिए खतरनाक है.

राजनेताओं और राजनीतिक दलों को सत्ता पाने की आकुलता और व्याकुलता से परे हट के सोचना होगा. रावत के बयान को उनकी खीज या सत्ता के विपक्ष या विरोधी के समर्थन में मानने-देखने के बजाय उसी संदर्भ में देखना चाहिए, जिसके लिए वह कहा गया है.

अगर उसको किसी ने भी निहित स्वार्थ की पूर्ति में इस्तेमाल किया तो वह एक तरह से चुनाव की शुचिता का चीरहरण ही करेगा. रावत की बेबाक चिंता आसन्न बड़े खतरे के आने के पहले सतर्क हो जाने की घंटी है, उसे सावधानी से सुनी जानी चाहिए.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment